वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्लास्टिक इंडस्ट्री में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्यातकों को मुंबई में निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए
श्री गोयल ने भारतीय प्लास्टिक उद्योग को इस क्षेत्र को अगले 4-5 वर्षों में 3 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज भारतीय प्लास्टिक उद्योग को इस क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर अगले 4-5 वर्षों में 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने को लेकर प्रोत्साहित किया। मंत्री ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग की ओऱ से यह राष्ट्र की सेवा होगी क्योंकि इससे कम से कम 1 से 1.5 करोड़ नौकरियां सृजित होंगी जिसकी आज देश को जरूरत है।
मुंबई में आज शीर्ष प्लास्टिक उद्योग व्यापार निकाय द प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (पीएलईएक्ससीओएनसीआईएल) के ‘निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार 2017-2021’ समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह प्लास्टिक उद्योग को एक ऐसी इंडस्ट्री के रूप में देखते हैं, जो रोजगार सृजन के लिए विशेषतौर पर एमएसएमई क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन देता है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में खासकर वंचितों के लिए काफी रोजगार सृजन कर सकता है जो विकास में पीछे रह गए हैं। मंत्री ने प्लास्टिक उद्योग को गुणवत्ता के एक मानक के रूप में उभरने का आह्वान किया और वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए रास्ता तैयार करने को कहा।
मंत्री ने उद्योग जगत से कहा कि उसे आयात की मात्रा कम करने और आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 17 अरब डॉलर के आयात की मात्रा दर्शाती है कि स्पष्ट रूप से एक बड़ा बाजार हमारा इंतजार कर रहा है। श्री गोयल ने कहा, ‘अगले 25 वर्षों तक 7-8 प्रतिशत की रफ्तार से अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ, मुझे यकीन है कि प्लास्टिक उद्योग अगले 4-5 वर्षों में 100 अरब डॉलर की इंडस्ट्री बन सकता है। यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हमें उस स्तर तक पहुंचने की आकांक्षा रखनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘हमें अब विकास पर ध्यान देना होगा क्योंकि लचीली आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने के लिए दुनिया आज भारत की ओर देख रही है। भारत के पास प्लास्टिक क्षेत्र में अपेक्षित कौशल और क्षमताएं हैं, हम दुनिया में किसी से भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।’
मंत्री ने उद्योग जगत से बड़ा सोचने और दुनिया में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हाल ही में हमने हस्ताक्षर किए हैं, इससे समकालीन क्षेत्रों में आपके लिए अवसर खुलेंगे। लेकिन यह तभी संभव होगा जब हम अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाएंगे। ऐसे में हमें यह देखना होगा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बिजनस का बड़ा हिस्सा कैसे प्राप्त कर सकते हैं।’
श्री गोयल ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। मंत्री ने उद्योग से प्रौद्योगिकी को उन्नत करने और संचालन का पैमाना बढ़ाने की अपनी अपील दोहराई। उन्होंने कहा, ‘हमारे सभी उत्पाद दुनिया में किसी से पीछे नहीं होने चाहिए। यही समय है कि हम उच्च गुणवत्ता मानकों को अपनाएं, जो लंबे समय तक उद्योग को बनाए रखने में मदद करेंगे। निर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में प्लास्टिक उद्योग के लिए काफी संभावनाएं हैं। ऑटोमोबाइल और हवाई जहाज सेक्टर में ऊर्जा के इस्तेमाल को कम करने में प्लास्टिक मदद कर सकता है।’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए मंत्री ने उद्योग की विदेशी महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए विदेशी मिशनों की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने विदेशी मिशनों को व्यापार, प्रौद्योगिकी और पर्यटन को उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के हिस्से के रूप में देखने का निर्देश दिया है। हमारे मिशन प्रमुख आपको स्थानीय व्यवसायों से जोड़ने के लिए मदद और सुविधा प्रदान करने के लिए काफी उत्साहित हैं।’
इस क्षेत्र में स्थिरता पर जोर देते हुए श्री गोयल ने कहा कि हमें दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि भारतीय पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने कहा, ‘प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने, रीसाइकल करने (पुनर्चक्रण) और फिर से उपयोग करने के तरीकों को विकसित करना महत्वपूर्ण है, ताकि यह हमारे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। हमें प्लास्टिक कचरे को अलग करने और प्लास्टिक कचरे के पुन: प्रसंस्करण पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। एक बार जब हम ऐसा करने में सक्षम हो जाएंगे तो यह प्लास्टिक के उपयोग के बारे में नकारात्मकता को काफी हद तक कम कर देगा।’
मंत्री ने कोविड-19 के दौरान और युद्ध के मद्देनजर चल रही वैश्विक स्थिति के समय उद्योगों विशेष रूप से प्लास्टिक उद्योग के चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने की सराहना की।
नीलकमल लिमिटेड के मानद चेयरमैन वामनराय वी. पारेख को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया। 95 कंपनियों और संगठनों को निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
महामारी की स्थिति के कारण दो साल के अंतराल के बाद, प्लास्टिक उद्योग के भारत के शीर्ष व्यापार निकाय पीएलईएक्ससीओएनसीआईएल ने अपने निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार की मेजबानी की।