NIA के 67 में से 65 मामलों में अदालत ने सजा दी, निष्पक्ष और पारदर्शी तफ्तीश, समुदाय पर निशाना नहीं.

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इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई 65 मामलों की जांच अदालत में सही साबित हुई हैं. दो मामलों में आरोपी को अदालत द्वारा बरी/दोष मुक्त किया गया है.
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने
राज्य सभा में यह जानकारी दी है.

समुदाय पर निशाना ?-
राज्यसभा में सांसद वाइको और एम शनमुगन ने एनआईए के कामकाज को लेकर
सरकार से सवाल पूछे, कि एनआईए द्वारा कोयम्बटूर विस्फोट सहित कितने मामलों की जांच की जा रही है?
क्या विगत कुछ वर्षों में इन मामलों में वृद्धि हुई है और यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
क्या ऐसा आरोप है कि एनआईए कुछ समुदायों को निशाना बना रही है?
एजेंसी द्वारा बिना किसी पक्षपात के मामलों के निपटान के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

एनआईए का दायरा बढ़ा-
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इसके जवाब में बताया कि एनआईए ने 497 (2 दिसंबर 2022 तक) मामले दर्ज किए हैं.
विगत वर्षों में एनआईए के मामलों में वृद्धि होने के कारणों में शामिल है, नई शाखा कार्यालयों की स्थापना से एनआईए की क्षमता में वृद्धि करना.
मानव तस्करी, प्रतिबंधित/ अवैध हथियारों के निर्माण/ बिक्री, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से जुड़े अपराधों की जांच का अधिकार वर्ष 2019 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 की अनुसूची में शामिल करना.

निष्पक्ष और पारदर्शी तफ्तीश-
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है.
एनआईए को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, अंतर्राष्ट्रीय संधियों से जुड़े मामलों आदि को प्रभावित करने वाले गंभीर प्रकृति के अपराधों की जांच करने तथा इस संबंध में मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है.
राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय गंभीर प्रकृति के मामले एनआईए को बिना किसी पक्षपात अथवा पूर्वाग्रह के सौंपे जाते हैं।

65 मामलों में सजा-
एनआईए द्वारा की गई जांचों में निष्पक्षता और पारदर्शिता इस तथ्य से स्पष्ट हो जाती है कि वर्ष 2019 से 2022 ( 2.12.2022 तक) के दौरान, अदालत द्वारा 67 मामलों में निर्णय दिया गया है, जिनमें से, 65 मामलों में दोषसिद्धि/ सजा हुई है और 02 मामलों में आरोपी को अदालत द्वारा बरी/दोष मुक्त किया गया हैं।

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