हैदराबाद में चेतक हेलीकॉप्टर के हीरक जयंती समारोह में रक्षा मंत्री ने कहा- देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है
‘चेतक’सिर्फ एक मशीन नहीं है,बल्कि एक जीवंत साधन है जिसने शांति और युद्ध में राष्ट्र की सेवा की है: रक्षा मंत्री
श्री राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आने वाले 10 टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में तेजी लाने का आह्वान किया
हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी में प्रगति हमारे रक्षा क्षेत्र के लिए प्रभावी होगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रमुख शक्ति बनाएगा: रक्षा मंत्री
“देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसकी एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।” यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ ने राष्ट्र के लिए चेतक हेलीकॉप्टर की सेवा के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। भारतीय वायु सेना द्वारा 02 अप्रैल, 2022 को हैदराबाद के हाकिमपेट स्थित वायु सेना स्टेशन में ‘चेतक- आत्म-निर्भरता, बहुविज्ञता और विश्वस्तता के 6 गौरवशाली शतक‘विषय पर ‘यशस्वत् षट् शतकम्‘सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी,तीनों सेनाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी और रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षकऔर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अधिकारी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सम्मेलन को उन लोगों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि के रूप में बताया जिन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की है। इस अमूल्य योगदान के लिए अपना सम्मान व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि,”जब भी कोई देश सुरक्षा के लिए युद्ध लड़ता है,तो इसमें केवल सशस्त्र बल ही हिस्सा नहीं लेते हैं बल्कि पूरा देश उस युद्ध में शामिल होता है। एचएएल जैसे संगठनों के वैज्ञानिक, इंजीनियर और तकनीशियन, जो ‘चेतक’ और अन्य प्लेटफॉर्म जैसे हेलीकॉप्टर विकसित करते हैं,हमारे सैनिकों के समान ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमएसएमई से जुड़े लाखों कर्मचारी भी इन परियोजनाओं के लिए पुर्जों की आपूर्ति करके योगदान करते हैं। यह सम्मेलन उन सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का जश्न मनाता है।”
इतिहास में राजपूत राजा राणा प्रताप के ‘चेतक’ नाम के घोड़े की तुलना करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने ‘चेतक’ हेलीकॉप्टर को न केवल एक मशीन, बल्कि एक जीवंत और समर्पित इकाई बताया, जो पिछले छह दशकों से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगी हुई है और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि अब तक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण के साथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है। उन्होंने इसके कई तरह के उपयोग को संयुक्तता का एक ज्वलंत उदाहरण बताया है।
रक्षा मंत्री ने इस हेलीकॉप्टर की क्षमताओं के बारे में बताते हुए कहा कि,’चेतक’ने सटीकता के साथ दुश्मनों को निशाना बनाकर और सैनिकों को सफलतापूर्वक उतारकर युद्ध के मैदान में अपनी क्षमता साबित की है। इसने युद्ध के मैदान में आवश्यक सामान पहुंचाने में भी मदद की है। इसने आपात स्थिति में अपने फंसे लोगों को बचाकर निकाल ले जाने के प्रयासों के माध्यम से कई बहुमूल्य जीवन बचाए हैं। इसने जब भी आवश्यक हुआ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे निर्णय लेने और युद्धों में जीत का मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिली है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में ‘चेतक’हमेशा सबसे आगे रहा है। यह पहली बार है जब कोई हेलीकॉप्टर इस मुकाम पर पहुंचा है।”उन्होंनेइसतथ्यकीसराहनाकीकिअनुकूलन,संशोधन और उन्नयन के माध्यम से ‘चेतक’अपने निर्माण के 60 वर्षों के बाद भी एक अग्रणी हेलीकॉप्टर बना हुआ है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के दौरान चेतक हेलीकॉप्टर के असाधारण योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि, “जमीन पर अपने सैनिकों को हवाई सहायता प्रदान करने से लेकर हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने तक, ‘चेतक’पर सवार हमारे वायु योद्धाओं ने युद्ध के दौरान अनुकरणीय साहस और दक्षता दिखाई। चेतक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल ‘मुक्ति वाहिनी’ के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए भी किया जाता था। चेतक की भूमिका को एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देने के एक शानदार उदाहरण के रूप में भी देखा जा सकता है। युद्ध में हमारी जीत को इतिहास की किताबों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। न हमें कोई सत्ता चाहिए थी,न जमीन,न संसाधन और न ही कोई आधिपत्य। हमने वह युद्ध मानवता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ा था।”
रक्षा मंत्री का कहना था कि भारत ने स्वदेश में डिजाइन और विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और इसके वेरिएंट को भारत के कौशल का उदाहरण बताते हुए पांच टन की श्रेणी में हेलीकॉप्टरों के डिजाइन, विकास और संचालन में अपनी ताकत दिखाई है। उन्होंने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को युद्ध अभियानों के लिए हल्के हेलीकॉप्टरों में देश की क्षमता का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा संचालित हल्के उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टर भी हेलीकॉप्टर क्षेत्र में क्षमता के बेहतरीन उदाहरण हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आने वाले 10 टन केभारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में आगे बढ़नेकी आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंनेइसे सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण जरूरत बताया और यह भी कहा कि इसमें बाजार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने देश में हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विकास को तेजी से ट्रैक करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों में से एक है जो न केवल रक्षा क्षेत्र में प्रभावी साबित होगी, बल्कि भारत को हेलीकॉप्टर मंडी में एक प्रमुख शक्ति बनाएगी। उन्होंने कहा कि “एकअनुमानकेअनुसार,देश में 1,000 से अधिक नागरिक हेलीकॉप्टरों और रक्षा क्षेत्र में भी 1000 से अधिक हेलीकॉप्टरों की मांग है। हमें हेलीकॉप्टर बाजार में इस विशाल क्षमता का दोहन करने की जरूरत है। इसके अलावा,हमें रोटरी विंग डोमेन में भारत के दावे को मजबूत करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। जमाना बदल रहा है। मुझे यकीन है कि आने वाले समय में हम और अधिक उज्ज्वल,मजबूत और पूरी तरह से आत्म-निर्भर होंगे।”
रक्षा मंत्री ने लगातार बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रक्षा उत्पादन और तैयारियों में ‘आत्म-निर्भरता’हासिल करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि, “इनदिनों,आपूर्ति लाइनों को सुनिश्चित करने में चुनौतियां हैं। बाहरी स्थिति ने महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों की सेवाक्षमता को प्रभावित किया है। इसलिए हम आत्म-निर्भरता हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे पहले,देश रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अन्य देशों से आयात पर निर्भर था। यह सरकार अपनी रक्षा के लिए अपने कंधों को मजबूत करने में विश्वास रखती है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत किसी पर निर्भर न रहे।’’
हालांकि, श्री राजनाथ सिंह ने भारत के उस मूल मंत्र को बनाए रखते हुए कहा कि मजबूत होने से भारत का मतलब दुनिया में प्रभुत्व स्थापित करना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा सत्य,अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया है और यह किसी भी तरह की आक्रामकता का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में शांति,सुरक्षा और सैन्य शक्ति के बीच संबंध गहरे हुए हैं। विश्व में शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रों के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र के महत्व को रेखांकित करते हुएउन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने एक ऐसा वातावरण बनाया है जिसने भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की राह पर सशस्त्र बलों,वैज्ञानिकों और रक्षा निर्माताओं को सक्रिय रूप से सोचने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ को प्राप्त करने में घरेलू उद्योग की प्रमुख भूमिका पर बात की।उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की सूची जारी करते हुए कहा कि, “डीआरडीओनिजीकंपनियोंकोमुफ्ततकनीकहस्तांतरितकर रहा है। एफडीआई की सीमा भी बढ़ा दी गई है। रक्षा वस्तुओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की गई हैं, जबकि तीसरी सूची जल्द ही जारी की जाएगी।”उन्होंने तीन सेवाओं, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों से जबर्दस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया की ओर इशारा किया। उन्होंने सरकार द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदमों के लिए अभूतपूर्व प्रतिक्रिया का विश्वास जताते हुए कहा कि एमएसएमई,स्टार्ट-अप,इनोवेटर्स और शिक्षाविद एक साथ मिलकर रक्षा उत्पादन के नए रास्ते तलाश रहे हैं।
इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य’चेतक’ हेलीकॉप्टर के संचालन पर प्रकाश डालते हुए देश में छह दशकों के हेलीकॉप्टर संचालन को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस कार्यक्रम में अनुभवी समुदाय और सेवाओं के प्रमुख वक्ताओं द्वारा प्रतिबिंब,कथन और चर्चाएं शामिल थीं।