नई दिल्ली, 31जुलाई। 20 जुलाई को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कई बार व्यवधान देखने को मिला है। अब केंद्र सरकार दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लोकसभा में विधेयक पेश करने की तैयारी में है। ऐसे में अगले सप्ताह भी संसद में हंगामे के आसार बढ़ गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक राजग के खिलाफ एकजुट विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है।
केंद्र के इस अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसके विरुद्ध दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुकी है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं। सरकार ने लोकसभा में 13 मसौदा विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है, जबकि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी स्वीकार किया जा चुका है। कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दो अगस्त से चर्चा की शुरुआत हो सकती है।
बता दें कि दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के अध्यादेश को विधेयक में बदलने का मसौदा सांसदों को वितरित किया गया है। दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने विधेयक को राज्यसभा में पास ना होने देने के लिए कई विपक्षी दलों का समर्थन मांगा था। काफी जिद्दोजहद के बाद उन्होंने कांग्रेस समेत कई दलों का मिल गया है।