उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने निवेशकों की गोलमेज बैठक आयोजित की
बैठक में 21 कंपनियों ने भाग लिया
डीपीआईआईटी सचिव श्री अनुराग जैन ने उद्योग और सरकार के बीच निरंतर संवाद का आह्वान किया
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने और भारत में निवेशकों के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उद्योग-स्तरीय नीतिगत सिफारिशों का संज्ञान लेने के उद्देश्य से इन्वेस्ट इंडिया के साथ 20 अप्रैल 2022 को निवेशकों की गोलमेज बैठक आयोजित की।
बैठक में भारत में अवसरों को प्रदर्शित करने और भारत में उनके प्रवेश/विस्तार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने लंबे व्यापारिक संबंधों के लिए उद्योग और सरकार के बीच निरंतर संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने दोहराया कि भारत में महामारी के बाद रिकवरी तेजी से हुई है और भारत में घरेलू तथा विदेशी दोनों निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले दो वर्षों में अब तक का सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश( एफडीआई) प्राप्त किया है। उन्होंने मूल सीमा शुल्क में 10 से 7.5% की कमी, नई कंपनियों के लिए मार्च 2024 तक नए कॉर्पोरेट कर के लिए समय सीमा का विस्तार, विभिन्न क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं और रसद दक्षता में सुधार और रसद लागत को कम करने के लिए पीएम गति शक्ति के शुभारंभ जैसे महत्वपूर्ण सुधारों का भी उल्लेख किया। इसके अलावा, उन्होंने जनसांख्यिकीय आयाम और कुशल कार्यबल की उपलब्धता पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि 6.3 करोड़ से अधिक इकाइयों के साथ भारत का एमएसएमई क्षेत्र वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पुनर्संरेखण में निवेशकों के साथ सहयोग के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और आश्वासन दिया कि सरकार निवेशकों के अनुभव को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री अनुराग जैन ने कंपनियों से मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड का अनुरोध किया क्योंकि देश निवेश के लिए अनुकूल और प्रतिस्पर्धी माहौल प्रदान कर रहा है।
इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवियर और कपड़ा सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों की 21 कंपनियों ने भाग लिया। तमिल नाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित हुए और उन्होंने संबंधित राज्यों में उद्योग को दिए गए अवसरों और समर्थन के बारे में बताया। निवेशकों के सुझावों को संबोधित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सीबीआईसी, विदेश मंत्रालय, डीओसी, एनआईसीडीसी, एपीईडीए, सीबीडीटी, बीआईएस एमईआईटीवाई और डीपीआईआईटी के एफडीआई, चमड़ा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:एशियाः प्रभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिनिधित्व किया।