झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने किया तलब
रांची , 9अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री से 14 अगस्त को निदेशालय के रांची कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री को 2022 के नवंबर महीने में समन दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने 18 नवंबर 2022 को अवैध खनन मामले के सिलसिले में मुख्यमंत्री सोरेन से 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
जमीन घोटाले में होगी पूछताछ
माइनिंग घोटाले के बाद अब जमीन घोटाले में पूछचाछ से सीएम की परेशानियां बढ़ सकती हैं. ईडी रांची के जमीन घोटाले में पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, रांची के न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के कारोबारी दिलीप कुमार घोष और अमित कुमार अग्रवाल सहित 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस घोटाले में ईडी इन दिनों रांची के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. इसके अलावा जेल में बंद झारखंड के चर्चित पावर लायजनर प्रेम प्रकाश से भी बीते हफ्ते ईडी ने दो दिनों तक पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले में ईडी को कुछ ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर वह सीएम से पूछताछ करना चाहती है.
बता दें कि जमीन घोटाले का पहला मामला जो सामने आया था, उसमें रांची में सेना की कब्जे वाली तकरीबन 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री गलत तरीके से तैयार किए गए कागजात के आधार पर की गई थी. इस मामले का खुलासा रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने अपनी एक जांच रिपोर्ट में की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है.
रांची नगर निगम ने मामले की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की. नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर छापा पड़ा था. इस छापे में कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे. ईडी ने दूसरी बार 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापा मारा था.
ईडी ने सेना के कब्जे वाली जमीन के घोटाले की जांच शुरू की तो जानकारी मिली कि कई और भू-खंडों की खरीद बिक्री फर्जी कागजात के आधार पर की गई है. एजेंसी अब तक सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ क्षेत्रफल वाली जमीन जब्त कर चुकी है.