ईएसआईसी ने सूरजकुंड में दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया

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‘चिंतन शिविर’ में ईएसआई कवरेज और चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, क्षमता निर्माण और प्रेरणा, बुनियादी ढांचे, समन्वय और निवारक स्वास्थ्य एवं व्यावसायिक रोग विषयों पर चर्चा हुई

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने ईएसआईसी से प्रधानमंत्री के ‘स्वास्थ्य से समृद्धि’ विजन को साकार करने पर पूर्ण ध्यान देने का आह्वान किया

ईएसआईसी सुधारों और सेवा वितरण तंत्र के विस्तार के माध्यम से गरीबों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध : श्री भूपेंद्र यादव

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श्रम और रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने आज हरियाणा के सूरजकुंड में ईएसआईसी द्वारा आयोजित ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता की।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा कि कार्यकर्ता समर्थक पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से ईएसआईसी सेवा वितरण तंत्र में सुधारों का शुभारंभ हो चुका हैं और ईएसआईसी बड़े पैमाने पर गरीबों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने ईएसआईसी को नीति और क्रियान्वयन के बीच के अंतर को कम करने, गरीबों के कल्याण के सामूहिक लक्ष्य की दिशा में काम करने और व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर क्षमता निर्माण के माध्यम से प्रधानमंत्री के ‘स्वास्थ्य से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आह्वान किया।

इससे पहले दिन में, भारत सरकार के श्रम और रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने ईएसआईसी संगठन के इतिहास में इस तरह के प्रथम ‘चिंतन शिविर’ का उद्घाटन किया।

अपने उद्घाटन भाषण के दौरान भारत सरकार के श्रम और रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री ने सरकारी पहलों और ईएसआई योजनों के विषय में पर्याप्त जन जागरूकता के लिए अपने सुझाव भी दिए।

 

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इस अवसर पर, भारत सरकार के श्रम और रोजगार सचिव श्री सुनील बर्थवाल, ईएसआईसी के महानिदेशक श्री मुखमीत एस भाटिया, श्रम और रोजगार मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री विभा भल्ला और श्रम और रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव और एसएलईए श्री आलोक चंद्र भी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. सुरेश चंद्र शर्मा, एनएचए के उप निदेशक श्री रोहित झा, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. के मदन गोपाल और सीपीडब्ल्यूडी के श्री दिनेश उजानिया ने कार्यक्षेत्र विशेषज्ञों के रूप में ‘चिंतन शिविर’ में भाग लिया और विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। एनएमसी के अध्यक्ष डॉ. एस.सी शर्मा ने ईएसआईसी चिकित्सा संस्थानों में सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धतियों को अपनाने पर जोर दिया।

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हरियाणा के सूरजकुंड में ईएसआईसी ‘चिंतन शिविर’ में (1) ईएसआई कवरेज में विस्तार, (2) चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, (3) क्षमता निर्माण और प्रेरणा, (4) स्वास्थ्य देखभाल में सुधार की कुंजी, (5) ईएसआईसी-ईएसआईएस समन्वय और सहयोग एवं (6) निवारक स्वास्थ्य और व्यावसायिक रोग विषयों पर चर्चा की गई।

इस चिंतन शिविर में विभिन्न कार्यकर्ता-समर्थक पहलों को अपनाकर सेवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच में सुधार के लिए 18 अगस्त, 2022 को विचार-विमर्श जारी रहेगा।

ईएसआईसी के वर्तमान में देश के 596 जिलों में अपने 3.39 करोड़ बीमाकृत व्यक्तियों और 14.3 करोड़ लाभार्थियों को चिकित्सा लाभ और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है। 50 ईएसआईसी और 110 ईएसआईएस अस्पताल, 1517 औषधालय, 89 औषधालय-सह-शाखा कार्यालय और 8 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एवं 2 पीजी संस्थान, 24 क्षेत्रीय कार्यालय, 39 उप-क्षेत्रीय कार्यालय और 608 शाखा कार्यालय हैं।

अपने सभी लाभार्थियों के बीच अपनी पहुंच में सुधार करने के लिए, ईएसआईसी दिसंबर, 2022 तक अखिल भारतीय कार्यान्वयन की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके अलावा, 76 ईएसआई अस्पतालों और 29 ईएसआई औषधालयों का निर्माण प्रगति पर है। ईएसआईसी, आयुष्मान भारत-पीएम-जेएवाई के साथ भी सहयोग कर रहा है ताकि सीमित ईएसआई चिकित्सा सुविधाओं वाले आंशिक रूप से लागू, गैर-कार्यान्वित और पूरी तरह से कार्यान्वित जिलों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा देखभाल सेवाएं प्रदान की जा सकें।

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