भारत में बनने वाला प्रत्येक उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए: पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में 'जी-20 मानक संवाद' में भाग लिया

0

नई दिल्ली,4नवंबर। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वस्त्र तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता अब उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं की मांग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए, सरकार उत्पादकों को नए गुणवत्ता मानकों को अपनाने और अनुकूलन के लिए सहायता एवं उपयुक्त समय प्रदान कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के प्रदाता के रूप में पहचाना जाए।

गोयल शुक्रवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘जी-20 मानक संवाद’ के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

गोयल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ मानकों का सामंजस्य सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, ताकि भारत को विश्व स्तर पर स्वीकृत मानकों को अपनाने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि भारत को हर वस्तु के दो मानकों की मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता है। श्री गोयल ने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत में बनने वाला प्रत्येक उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद हो।

पीयूष गोयल ने कहा कि यदि उपभोक्ता भारत में कोई उत्पाद खरीदते हैं तो उन्हें उच्च गुणवत्ता का भरोसा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के पास इस संबंध में साझा करने के लिए बहुत कुछ है और इसलिए, जिन देशों को इसकी आवश्यकता है, उनके लिए जी-20 मानक संवाद जैसी नियमित गतिविधियों के माध्यम से एक मजबूत ढांचा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत अपने मानक इकोसिस्टम को परीक्षण प्रयोगशालाओं की तरह उन्नत करेगा और आशा है कि अन्य देशों के साथ भी आपसी स्वीकृत समझौते होंगे ताकि धरती माता और दुनिया के प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर व समृद्ध भविष्य के लिए गुणवत्ता प्राप्त की जा सके।

गोयल ने कहा कि संवाद का विषय ‘शून्य दोष, शून्य प्रभाव’ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगभग 9 वर्ष पहले व्यक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्थिरता के प्रचारक हैं और सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता के बारे में देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता पैदा करने में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण है कि स्थिरता एक समावेशी प्रतिमान बन जाए।

श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि आम आदमी भी सतत विकास के महत्व को पहचानता है और प्रत्येक नागरिक मानता है कि विकास को समावेशी होना होगा ताकि कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य भी मानकों और स्थिरता पर रूपरेखा प्रदान करने वाले मुख्य तत्व हैं।

श्री गोयल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि शून्य भुखमरी का लक्ष्य, स्वास्थ्य और कल्याण का लक्ष्य, प्रत्येक नागरिक के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता का लक्ष्य हम सभी के लिए ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होगा, जब हम इस महत्वपूर्ण विषय- किफायती स्वच्छ ऊर्जा,” पर चर्चा करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किफायती स्वच्छ ऊर्जा सतत विकास का एक अभिन्न अंग है, जहां भारत रीसाइक्लिंग, पुन: उपयोग और समग्र रूप से यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहा है कि कैसे ‘अपशिष्ट को न्यूनतम रखा जा सके’, जो अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “यही आगे का रास्ता है। हमारे सामने यही मार्ग है।” श्री गोयल ने कहा कि सरकार प्रक्रियाओं में व्यवधान डालने वाले के रूप में नहीं बल्कि केवल एक सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अगर भारत उत्पाद तैयार करता है और अच्छी सेवाएं प्रदान करता है तो दुनिया उसके लिए मंच बन जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.