पूर्व PM इमरान खान नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, साइफर केस में हुई 10 साल की सजा

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नई दिल्ली, 1फरवरी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान को साइफर केस में 10 साल की सजा मिली है. इस खबर की जानकारी पाकिस्तान के स्थानीय अखबार ‘डॉन’ से मिली है. इमरान खान के अलावा पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को भी 10 साल की सजा मिल गई है. पाकिस्तान के ऑफीशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गठित स्पेशल कोर्ट ने इन दोनों नेताओं को ये सजा सुनाई है.

क्या है साइफर मामला?
साइफर केस पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट से जुड़ा हुआ है. इस केस को लेकर इमरान खान पर पिछले कई दिनों से एफआईए की तलवार लटक रही थी. पाकिस्तान में चल रही चुनावी तैयारियों के बीच शहबाज सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना दिया. आपको बता दें कि साइफर का अर्थ होता है सीक्रेट कीवर्ड में लिखा गया कोई मैसेज. साइफर एक सीक्रेय मैसेज होता है जो डिप्लोमेटिक बातचीच का तरीका होता है. इसके तहत दो देशों के बीच होने वाली बातचीत को सीक्रेट रखा जाता है. इससे पहले तोशाखाना केस में इमरान खान को 3 साल की सजा मिली थी.

तोशाखाना केस में इमरान को 3 साल की जेल
पाकिस्तान के इस्लामाबाद के ट्रायल कोर्ट के तोशाखाना मामले में 5 अगस्त 2023 को इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई गई थी. पाकिस्तान के स्पेशल कोर्ट ने पूर्व PM पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद लाहौर पुलिस ने PTI चेयरमैन को उनके जमान पार्क स्थित घर से अरेस्ट किया था.।

इमरान खान पर क्या आरोप हैं?
पूर्व पीएम इमरान खान पर ये आरोप लगाए गए कि उन्होंने राजनीति में अपने फायदे के लिए झूठे गुप्त संदेश जारी किए और कई गुप्त बातों को सार्वजनिक किया. दरअसल, यह विवाद तब सामने आया था जब पूर्व पीएम इमरान ने एक अमेरिकी राजनयिक पर पाकिस्तानी राजनयिक को धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसकी सूचना एक साइफर के जरिए दी गई.

पिछले साल भी अगस्त में दर्ज की गई थी FIR
साइफर मामले में पिछले साल भी FIR ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दर्ज की गई थी. गृह सचिव की शिकायत के आधार यह रिपोर्ट दर्ज की दर्ज की गई थी. रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का नाम सामने आया.

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