गांव चलो अभियान अंतिम कतार के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के मोदी सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कठुआ, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रव्यापी "गांव चलो अभियान" में शामिल हुए

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नई दिल्ली, 14फरवरी। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राष्ट्रव्यापी “गांव चलो अभियान” में शामिल होते हुए अंतिम छोर तक रह रहे लोगों तक पहुंचने के मोदी सरकार के संकल्प को दोहराया।

केन्‍द्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की नगरोटा पंचायत के ब्लॉक बरनोटी में जन प्रतिनिधियों, स्थानीय निवासियों और महिलाओं के साथ बैठकें कीं।

यह सार्वजनिक संवाद गांव चलो अभियान का हिस्सा था। इस दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्थानीय लोगों की बातें सुनने और उनके विचार जानने के साथ-साथ सरकार के कल्याण कार्यक्रमों और योजनाओं पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए उनके साथ समय बिताया।

इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अभियान अंतिम कतार के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के मोदी सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह मंत्र भारत के नागरिकों के लिए सरकार की सेवा की भावना को दर्शाता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के विकास को सुनिश्चित करके भारत का विकास हासिल किया जा सकता है और इसी भावना के साथ मोदी सरकार पिछले करीब 10 साल से काम कर रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार जाति, धर्म या राजनीतिक जुड़ाव के आधार पर भेदभाव किए बिना समाज के सभी वर्गों की सेवा कर रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ जिले के बुधी में सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें अपनी सीखने और स्टार्टअप क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया की क्षमता का इस्‍तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि इसका प्रभाव इस डिजिटल युग में काफी तेज है। उन्होंने छात्रों से समाज की भलाई और देश के विकास के लिए अपनी ऊर्जा लगाने का भी आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्कूल प्रशासन से युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्कूल में अटल टिंकरिंग लैब शुरू करने का आग्रह किया। इसी क्रम में, मंत्री ने छात्रों को कृषि-स्टार्टअप में करियर बनाने का सुझाव दिया, जो तेजी से जम्मू-कश्मीर में आजीविका का एक वैकल्पिक और आकर्षक साधन बन रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्थायी जीवनयापन के लिए केवल सरकारी नौकरियां हासिल करने की मानसिकता बदल रही है और कृषि-स्टार्टअप जैसे नए रास्ते सामने आ रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां तक ​​कि सामान्य रूप से शिक्षित लोग भी अब जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध अरोमा मिशन में शामिल होने के बाद अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस मिशन के तहत डोडा जिले की भद्रवाह तहसील में लैवेंडर फूल की खेती को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिली है, जिससे हजारों युवाओं को अपनी आजीविका कमाने के अवसर मिल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि लैवेंडर फूल से बने इत्र की बेहतर कीमत मिल रही है, जिससे मिशन से जुड़े युवाओं को अच्छा लाभ मिल रहा है।

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