भारत को एक रणनीतिक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार घरेलू रक्षा औद्योगिक इको-सिस्टम का एक सुदृढ़ आधार विकसित कर रही है: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
‘‘नया भारत अब ‘इसे रहने दो’ की मानसिकता के प्रति सहिष्णु नहीं और ‘चलो इसे करते हैं’ - दृष्टिकोण में दृढ़ता से विश्वास करता है
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार भारत को एक रणनीतिक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए घरेलू रक्षा औद्योगिक इको-सिस्टम का सुदृढ़ आधार विकसित कर रही है। 31 दिसंबर, 2023 को तेजपुर विश्वविद्यालय के 21 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा है कि मंत्रालय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहली बार हथियारों के आयात को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की, जिसके अंतर्गत 509 ऐसे रक्षा उपकरणों की पहचान की गई है, जिनका निर्माण अब स्वदेशी रूप से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हमने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की 4 सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची भी जारी की है, जिसमें 4,666 वस्तुओं की पहचान की गई है जो अब भारत में ही निर्मित होंगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने घरेलू रक्षा विनिर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया है और पहली बार उत्पादन एक लाख करोड़ के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में भारत के रक्षा निर्यात का कुल मूल्य 1,521 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2022-23 में 10 गुना बढ़कर 15,920 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
श्री राजनाथ सिंह ने किसी भी स्थिति से निपटने में वर्तमान सरकार की सक्रिय प्रवृत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति के कारण विश्वसनीयता का संकट, विश्वास की संस्कृति में परिवर्तित हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत ‘रहने दो’ के दृष्टिकोण के प्रति अब सहिष्णु नहीं है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत ‘चलो इसे करो’ के दृष्टिकोण में विश्वास करता है।
महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने सेना सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लड़ाकू विमानों से लेकर चंद्रयान तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं की उपस्थिति न हो।
देश को विकसित भारत के रूप में परिणत करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बनाने का विचार प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमताओं में विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, हमारी सरकार ने स्टार्ट-अप संस्कृति और नवाचार इको-सिस्टम को बढ़ावा दिया है।
रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में मंत्रालय द्वारा शुरू की गई स्टार्ट-अप संस्कृति का उल्लेख करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) अपने प्रारंभ से ही अभिनव विचारों को सफलतापूर्वक प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के विभिन्न प्रयासों के कारण, आज देश में एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप हैं।