राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात HC में सुनवाई आज, सजा पर रोक लगाने के लिए दायर की थी याचिका
नई दिल्ली, 29अप्रैल। मोदी सरनेम केस में निचली अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा है। राहुल ने गुजरात HC में अपील दायर कर सूरत की सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें सजा सुनाई गई है। इस अपील पर उच्च न्यायालय के नए न्यायाधीश सुनवाई करेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील पर गुजरात उच्च न्यायालय शनिवार को सुनवाई करेगा। बता दें कि मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल ने सजा पर रोक नहीं लगाने के सूरत सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है। राहुल गांधी की अपील पर न्यायमूर्ति हेमंत प्राच्छक 29 अप्रैल को सुनवाई करेंगे।
इससे पहले 26 अप्रैल को राहुल गांधी के वकील पी एस चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। हालांकि, न्यायमूर्ति गोपी ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था।
मोदी सरनेम से जुड़ा क्या है पूरा मामला
ये मामला 13 अप्रैल 2019 का है, जब कर्नाटक के कोलार में अपने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने कहा था कि ‘सभी चोरों का एक ही उपनाम होता है- मोदी”। राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा रहे थे। इसी कड़ी में उन्होंने ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी की थी।
राहुल गांधी के इस बयान का विरोध करते हुए बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस सांसद पर पूरे मोदी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया था। सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी को इस मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।
सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सुनाई थी सजा
सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
सूरत की सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी अर्जी 20 अप्रैल को खारिज कर दी थी। राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।