उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्य एरोमैटिक स्टार्ट-अप्स के बड़े स्रोत हो सकते हैं: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

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सीएसआईआर उत्पाद विकास से लेकर मार्केटिंग तक व्यापक सहयोग प्रदान कर रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह

उत्तराखंड सहित हिमालयी राज्य एरोमैटिक स्टार्ट-अप्स का स्त्रोत हो सकते हैं। हिमालयी राज्यों की भूगौलिक और जलवायु संबंधी परिस्थितियां औषधीय और एरोमैटिक (खुशबूदार) पौधों की खेती के लिए अनुकूल हैं। इन्हें कृषि-तकनीक उद्यमों के रूप में विकसित किया जा सकता है। मौजूदा कोरोना महामारी के कारण औषधीय पौधों में हालिया रुचि को देखते हुए यह खास तौर पर प्रासंगिक है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज सिविल सोसायटी संगठनों के साथ बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, अणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों के साथ यह बातचीत केंद्र सरकार के एक आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है जो समाज सेवा में शामिल लोगों के साथ बातचीत करने के लिए है। उन्होंने कहा कि ये बातचीत सरकार के लिए बहुमूल्य प्रतिक्रिया और सुझाव प्रदान करती है।

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केंद्रीय मंत्री ने संगठनों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि वे हमारे देश के कोने-कोने में लोगों तक पहुंचने और उन्हें प्रभावित करने का अवसर प्रदान करते हैं। एरोमैटिक पौधों के लिए उत्तराखंड की अनुकूल जलवायु के बारे में मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘अरोमा मिशन’ शुरू किया है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर उत्पाद विकास से लेकर मार्केटिंग तक व्यापक सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे युवाओं ने पिछले 8 वर्षों में देश को स्टार्ट-अप का केंद्र बना दिया है, लेकिन हमें आईटी-सक्षम सेवा क्षेत्र से परे अपने विजन का विस्तार करने और अपनी क्षमता का उपयोग करने के लिए कृषि-तकनीक क्षेत्र को देखने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी हिमायत की कि स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन टेलीमेडिसिन पर संभावनाओं की और खोज करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में ऐसे ‘डॉक्टर-ऑन-व्हील’ न केवल नैदानिक जांच प्रदान कर सकते हैं बल्कि एक घंटे के भीतर विशेषज्ञ परामर्श भी प्रदान कर सकते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाद में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया जहां उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों ने देश के जनमानस में नई आशा जगाई है। उन्होंने कहा कि अब तक उपेक्षित उत्तर-पूर्वी भारत में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हमारे सभी लोगों में निवेश करने की सरकार की इच्छा का प्रमाण है। डॉ. सिंह ने कहा कि इन हिस्सों में रेलवे और हवाई बुनियादी ढांचे के विकास का मतलब शेष भारत से उनके अलगाव का अंत है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में सरकार का ध्यान हमारे युवाओं के रोजगार सृजन और क्षमता निर्माण पर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि लोगों के लिए की जा रही कड़ी मेहनत से भारत के नेतृत्व में विश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस नए तौर-तरीके और हमारी राजनीति की एक नई संस्कृति को हमारे नागरिकों ने समर्थन दिया है जिन्होंने सरकार में अपना विश्वास जताया है।

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