भारत और लिथुआनिया गणराज्य गहन प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के क्षेत्रों में काम करने और सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में स्थायी संबंध बनाने पर सहमत हुए

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नई दिल्ली,1 मार्च। भारत और लिथुआनिया गणराज्य गहन प्रौद्योगिकी (डीप टेक) स्टार्ट-अप्स के क्षेत्रों में काम करने और सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में स्थायी संबंध बनाने पर सहमत हुए।

लिथुआनिया के अर्थव्यवस्था और नवोन्मेष उप मंत्री करोलिस जेमेइटिस के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय लिथुआनियाई प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी त्तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 2010 के समझौते को पुनर्जीवित करने के तरीकों पर चर्चा की।

रोजगार के अधिक अवसर और धन सृजन के लिए स्टार्ट-अप संस्कृति को और अधिक बढ़ावा देने के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह की गहरी रुचि के प्रत्त्युत्तर में करोलिस जेमेइटिस ने भारतीय मंत्री को आश्वासन दिया कि लिथुआनिया के पास जीवन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और एसटीईएम जैसे क्षेत्रों में सुदृढ़ जानकारी एवं क्षमताएं हैं और वे उच्च तकनीक स्टार्ट-अप में दोनों देशों के बीच सहयोग के इच्छुक हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है साथ ही उन्होंने लिथुआनियाई पक्ष को बताया कि भारत अपने पुराने साथी को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में तेजी से और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त उपलब्धियों के अलावा, कोविड के 4 स्वदेशी टीकों के मामले में बायोटेक की ख्याति दुनिया के सामने है। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत ने 94 देशों को कोविड -19 वैक्सीन की 723 लाख से अधिक खुराक की आपूर्ति की है और कुशल वैक्सीन वितरण के लिए कोविन-सीओडब्ल्यूआईएन ऐप भी साझा किया है।

लिथुआनियाई मंत्री ने उल्लेख किया कि उनके देश की एक वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी), “टेलटोनिका” परिष्कृत चिप्स के निर्माण के लिए ताइवान के साथ काम कर रही है और इस कंपनी की भारत में भी उपस्थिति है और आने वाले वर्षों में चिप बनाने के सहयोग को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।

विदेश मंत्रालय के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 2010 से लिथुआनिया सरकार के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एक समझौते पर बातचीत कर रहा है। अप्रैल 2010 में कुछ मामूली संशोधनों को शामिल करते हुए एक संशोधित भारतीय काउंटर ड्राफ्ट औपचारिक रूप से लिथुआनियाई पक्ष को भेजा गया था, जिस पर लिथुआनियाई पक्ष की औपचारिक प्रतिक्रिया अभी भी प्रतीक्षित है। इसके नवीनतम संस्करण की प्रति लिथुआनियाई उप मंत्री को सौंपी जा सकती है।

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