भारत, ओमान के साथ प्राथमिकता व्यापार समझौते (पीटीए) पर विचार कर रहा है- श्री पीयूष गोयल

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श्री पीयूष गोयल ने ओमान सरकार को भारत के साथ फार्मा व्यापार बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया

श्री पीयूष गोयल ने भारत-ओमान संयुक्त व्यापार परिषद (जेबीसी) से द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए दोनों देशों की सरकारों के प्रयासों को पूरा करने का आग्रह किया
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत ओमान के साथ एक प्राथमिकता व्यापार समझौता (पीटीए) करने पर विचार कर रहा है।

वे आज नई दिल्ली में भारत-ओमान संयुक्त व्यापार परिषद (जेबीसी) की 10वीं बैठक में मुख्य भाषण दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहले से ही खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों के साथ एक व्यापक व्यापार समझौते पर विचार कर रहा है, जिसका ओमान एक महत्वपूर्ण सदस्य है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और ओमान के बीच कल हुई संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम), जो काफी समय से लंबित थी, बहुत उपयोगी रही। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पक्षों के व्यापारिक हस्तियों के साथ विचार-विमर्श जेसीएम के तहत चर्चाओं का पूरक होगा, पहले से ही हमारी दोस्ती की प्रगाढ़ता को बढ़ावा देने के लिए नए विचारों के साथ आएगा और हमारी सोच को वास्तविकता में बदल देगा।

यह देखते हुए कि भारत और ओमान 5,000 से अधिक वर्षों से दोस्ती एवं भाईचारे और एक-दूसरे से सीधे ठोस संपर्कों के माध्यम से जुड़े हुए हैं, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतने घनिष्ठ संबंधों के बावजूद दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का अभी अधिकतम क्षमता तक पहुंचना बाकी है। श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि जेसीएम में हुई सभी भागीदारी, ओमान में उनके समकक्ष के साथ उनकी दोस्ती, दोनों देशों के प्रमुखों के दूरदर्शी नेतृत्व और दोनों देशों के लोगों के बीच गर्मजोशी वाले संबंधों को देखते हुए दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होनी ही चाहिए।

स्वर्गीय एचएम सुल्तान काबूस को सम्मान देते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें भारत में बहुत सम्मान दिया जाता था और उन्हें गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय काबूस घनिष्ठ भारत-ओमान द्विपक्षीय संबंधों के शिल्पकारों में से एक थे। श्री गोयल ने कहा कि हम उनके विज़न को हकीकत में बदलने और भारत तथा ओमान के बीच साझेदारी को उस ऊंचाई तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके दोनों देश वास्तव में हकदार हैं।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त व्यापार परिषद (जेबीसी) दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए दोनों देशों की सरकारों के प्रयासों का पूरक होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये समझौते अपनी वास्तविक क्षमता तक तभी पहुंचेंगे यदि व्यवसाय उस उत्साह को प्रदर्शित करते हैं जो बदले में राजनीतिक नेतृत्व को साहसिक निर्णय लेने में मदद करेगा। उन्होंने दोनों देशों के व्यवसायों से विशेष रूप से सेवाओं, निवेश, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता, नवीकरणीय ऊर्जा और स्टार्टअप में नए अवसरों को देखने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने ओमान के लोगों द्वारा प्रवासी भारतीयों पर विशेष रूप से महामारी के दौरान की गई देखभाल, चिंता और प्यार को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि ओमान जीसीसी में भारत निर्मित कोवैक्सिन के उपयोग को अधिकृत करने वाला पहला देश था। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और पाककला संबंधी समानताओं का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि इन संबंधों ने दोनों देशों के लोगों को और भी करीब ला दिया है।

केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने ओमान सरकार को भारत के साथ अपने फार्मा व्यापार को बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया। कल जेसीएम में अनावरण किए गए फार्मा क्षेत्र में सहयोग पर किए गए बाजार अध्ययन का उल्लेख करते हुए मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह रिपोर्ट ओमानी बाजार में प्रवेश करने की इच्छुक भारतीय कंपनियों के लिए अमूल्य साबित होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि हमारी फार्मा कंपनियां ओमान में उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद लाएंगी और स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करने में मदद करेंगी। उन्होंने भारतीय दवाओं के जल्द अनुमोदन के लिए सहमत होने के लिए ओमान को भी धन्यवाद दिया, जिसे यूके, ईयू और यूएसए जैसे मजबूत नियामक वातावरण से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

केंद्रीय मंत्री ने दोनों देशों से भारत और ओमान में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ने का आग्रह किया।

ओमान सल्तनत के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री क़ैस बिन मोहम्मद अल युसेफ ने कहा कि दोनों देशों ने संयुक्त आयोग की एक सफल बैठक की। उन्होंने कहा कि भारत और ओमान को एक-दूसरे पर बहुत भरोसा और विश्वास है। उन्होंने भारतीय कंपनियों को ओमान में निवेश करने और व्यापार करने के लिए आमंत्रित भी किया।

इस अवसर पर ओमान सल्तनत के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल युसेफ, ओमान के राजदूत विशेष एवं पूर्णाधिकारी शेख हमद बिन सैफ बिन अब्दुल अजीज अल-रवाही, ओमान में भारतीय राजदूत श्री अमित नारंग, भारत और ओमान उद्योगों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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