भारत चाबहार बंदरगाह के माध्यम से मध्य एशिया के साथ व्यापार संभावना को खोलने की दिशा में काम करेगा: केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री
हमारी आईएनएसटीसी के तहत चाबहार बंदरगाह को एक पारगमन केन्द्र बनाने की परिकल्पना ताकि सीआईएस देशों तक पहुंच बनाई जा सके: श्री सर्बानंद सोनोवाल
शाहिद बेहश्ती बंदरगाह व्यापार के तेजी से विकास का समर्थन करेगा और मध्य एशियाई क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगा: श्रीपाद वाई. नाइक
मध्य एशियाई देशों का उच्च स्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल मुंबई में ‘चाबहार दिवस’ मनाने के लिए शामिल हुआ
केन्द्रीय बंदरगाह, नौवहन, जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के उपयोग के माध्यम से मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ व्यापार क्षमता को खोलने की संभावना की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। ‘चाबहार दिवस’ के अवसर पर, केन्द्रीय बंदरगाह, नौवहन मंत्रालय ने इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के साथ आज मुंबई में एक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां केन्द्रीय नौवहन मंत्री श्री सोनोवाल तथा जलमार्ग, नौवहन और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने मध्य एशियाई देशों के उच्च स्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। आईपीजीएल का गठन चाबहार विकास परियोजना में शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के संचालन के लिए किया गया था। श्री सोनोवाल ने यह भी कहा, “हमारी परिकल्पना चाबहार बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के तहत एक पारगमन केन्द्र बनाना है ताकि सीआईएस देशों तक पहुंचा जा सके।”
“चाबहार दिवस” आईएनएसटीसी की शुरुआत- भारत और मध्य एशिया के बीच कार्गो की आवाजाही को किफायती बनाने की भारत की परिकल्पना के अवसर पर मनाया जाता है । ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केन्द्र है।
इस अवसर पर उपस्थित उच्च स्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल में कजाकिस्तान गणराज्य के राजदूत महामहिम श्री नुरलान झालगासबायेव; किर्गिस्तान के राजदूत महामहिम श्री असीन इसेव; ताजिकिस्तान के राजदूत महामहिम श्री लुकमोन बोबोकलोंजोडा; तुर्कमेनिस्तान के राजदूत महामहिम श्री शालार गेलडीनजरोव; उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद अखतोव; पीएमओ में बंदरगाह और आर्थिक मामलों के उप मंत्री महामहिम श्री जलील एस्लामी; अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत(सीजी) सुश्री जकिया वर्दाक; ईरान इस्लामी गणराज्य के महावाणिज्य दूत महामहिम डॉ ए एम अलीखानी और महामहिम श्री मसूद ओस्ताद हुसैन शामिल थे। गणमान्य व्यक्तियों में भारतीय बंदरगाह संघ के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पीएआई) श्री जे पी सिंह और इंडियन पोर्टस ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के एमडी श्री सुनील मुकुंदन भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, केन्द्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने कहा, “ईरान में चाबहार के जीवंत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के माध्यम से आईएनएसटीसी का विचार एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर का उपयोग करके दो बाजारों को जोड़ने का है।” उन्होंने कहा कि हमारी लॉजिस्टिक लागत को युक्तिसंगत बनाएगा, जो दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार की मात्रा में योगदान देगा। चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए सक्रिय समर्थन दिखाने वाले सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हुए, उन्होंने कहा, संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, कनेक्टिविटी बढ़ाने वाले व्यापार का एक बिंदु और भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच वाणिज्य को सफलतापूर्वक विकसित किया गया है।
श्री सोनोवाल ने आगे कहा, चाबहार बंदरगाह समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र को दक्षिण एशियाई बाजारों से जोड़ता है। यह व्यापार, आर्थिक सहयोग और दो भौगोलिक क्षेत्रों के बीच लोगों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण के रूप में उभरा है। मध्य एशियाई बाजारों की संभावना के कारण, भारत की अगुवाई में आपस में जुड़ने से मध्य एशियाई देशों की हिन्द महासागर क्षेत्र में पहुंच को सुरक्षित और वाणिज्यिक दृष्टि से व्यवहार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह सम्पर्क न केवल आपस में सम्पर्क प्रदान करेगा, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों का आगे बढ़ाते हुए निवेश को भी आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह मध्य एशियाई क्षेत्र की पारगमन और परिवहन संभावना को भी विकसित करेगा और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करेगा। चाबहार बंदरगाह वहां पर एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारा बनाने के लिए एक संयुक्त पहल को बढ़ावा देने की अगुवाई करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा कि इसके अलावा, इसका उद्देश्य चाबहार बंदरगाह पर सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय मानदंडों, सुशासन, कानून के शासन और समानता को विकसित करना है।
श्री सोनोवाल ने यह भी कहा कि चाबहार में शाहिद बेहश्ती बंदरगाह की माल लादने और उतारने की क्षमता जो आज 8.5 मिलियन टन है, परियोजना के पहले चरण के पूरा होने पर बढ़कर 15 मिलियन टन हो जाएगी।
भारत और अन्य बाजारों के साथ अपने व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की सेवाओं का उपयोग करने के लिए मध्य एशियाई देशों का स्वागत करते हुए, श्री सोनोवाल ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे परिवहन समय को और कम करने, भारत से मध्य एशिया के लिए एक छोटा, तेज और अधिक विश्वसनीय मार्ग खोलने और दोनों क्षेत्रों के बीच बिना किसी कठिनाई के व्यापार की संभावना बढ़ाने के लिए चाबहार आईएनएसटीसी लिंक को प्रोत्साहित करने के लिए सुझाव दें। श्री सोनोवाल ने कहा, “मैं इस अवसर पर आप सभी से यह अनुरोध करता हूं कि अपने व्यापार समुदाय को इस बारे में जागरूक करें कि यह मार्ग अवसर और संभावनाएं खोल सकता है।”
मंत्रायल में राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि, आने वाले वर्षों में, शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की प्रगति व्यापार के तेजी से विकास में सहयोग करेगी और क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगी। इस बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार होगा श्री नाइक ने सम्मेलन में कहा, “यह व्यापार बैठक शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के माध्यम से अवसर पैदा करेगी और इसे समुद्री क्षेत्र में और अधिक विकसित करने में मदद मिलेगी।”
आयोजन के दौरान, मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आईएनएसटीसी के साथ चाबहार लिंक उनके क्षेत्रों में आयात-निर्यात एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इसकी क्षमता भूमि से घिरे देशों में विकास को और बढ़ावा दे सकती है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान, कई प्रस्तुतियाँ और गवर्नमेंट टू बिजनेस सेशन हुए। प्रस्तुतिकरण और भाषण अध्यक्ष आईपीए, एमडी आईपीजीएल, एफएफएफएआई और संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिए गए।