जज कैश केस: जस्टिस यशवंत वर्मा ने कानूनी सलाह के लिए वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात की

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नई दिल्ली,27 मार्च। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर जले हुए नोटों के बंडल मिलने के मामले में 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की बनाई इन-हाउस कमेटी पुलिस को लेकर जज वर्मा के बंगले पर पहुंची। कमेटी मेंबर करीब 30-35 मिनट तक जस्टिस वर्मा के घर के अंदर रहे।

इधर, जस्टिस वर्मा ने इन-हाउस जांच समिति के समक्ष पेश होने से पहले बुधवार को सीनियर वकीलों से मुलाकात की। दरअसल, जस्टिस वर्मा अपना फाइनल जवाब तैयार कर रहे हैं, यही आगे की कार्रवाई का आधार बनेगा। जांच कमेटी के सामने उनकी पेशी इसी हफ्ते हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक इनमें एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल, अरुंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुर्जर और एक अन्य जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे। उन्होंने जांच समिति के सामने दिए जाने वाले जवाबों को फाइनल करने में मदद की।

जस्टिस यशवंत वर्मा 14 मार्च की रात सतपुड़ा नेशनल पार्क के मढ़ई क्षेत्र में पत्नी संग ठहरे थे। सूचना मिलते ही वे अगले दिन भोपाल के लिए रवाना हुए। फिर दिल्ली चले गए। उनके 15 मार्च तक रुकने का कार्यक्रम था।

जस्टिस वर्मा के घर में 14 मार्च को होली के दिन आग लग गई थी। फायर सर्विस की टीम जब उसे बुझाने गई तो स्टोर रूम में उन्हें बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले थे। इसका वीडियो भी सामने आया था।

घटना के 12 दिन बाद स्टोर रूम सील, CCTV की DVR जब्त

पुलिस उनके घर पहुंची। DCP नई दिल्ली देवेश की टीम ने घटना के 12 दिन बाद जज के बंगले के उस स्टोर रूम को सील कर दिया, जहां 14 मार्च की रात आग लगी थी। जांच टीम के कहने पर पुलिस ने CCTV कैमरे की DVR जब्त कर ली। कमेटी ने मौके पर पहुंची PCR वैन-थाने का रजिस्टर और जांच अधिकारी की डायरी भी तलब की है। टीम ने दिल्ली फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट से उन 2 जवानों की जानकारी भी मांगी है, जो वीडियो में नोटों की बोरियां हटाते दिख रहे हैं।

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