कोलकाता रेप-मर्डर केस: पीड़िता मानसिक तनाव से जूझ रही थी, मनोचिकित्सक का दावा

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कोलकाता ,25 मार्च। कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में रेप और मर्डर केस की पीड़ित ट्रेनी डॉक्टर मानसिक तनाव में थी। मौत के एक महीने पहले उनसे प्रोफेशनल मदद मांगी थी। यह दावा कंसल्टेंट मनोचिकित्सक मोहित रणदीप ने किया है।

बंगाली टीवी चैनल के इंटरव्यू में मोहित रणदीप ने दावा किया कि पीड़ित को लगातार 36 घंटे ड्यूटी करनी पड़ी थी। उसके साथ शिफ्ट अलॉटमेंट में भेदभाव होता था। उसने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कई गड़बड़ियां देखी थीं। इसके बाद उसे परेशान किया जा रहा था।

मनोचिकित्सक ने बताया कि उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर को कुछ सलाह दी थी और फॉलो-अप काउंसलिंग के लिए दोबारा आने को कहा था, लेकिन वह नहीं आईं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे CBI के सामने गवाही देने के लिए तैयार हैं।

आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। मामले की जांच CBI कर रही है।

222 दिन बाद पीड़ित का डेथ सर्टिफिकेट जारी हुआ घटना के 222 दिन बाद कोलकाता म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (KMC) ने पीड़ित का डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। 19 मार्च को हेल्थ सेक्रेटरी ने इसे पीड़ित के घर जाकर पेरेंट्स को सौंपा। इससे पहले 23 फरवरी को पीड़ित डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया था कि कोलकाता नगर निगम (KMC) डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रही है। जबकि पानीहाटी नगर पालिका बेटी के दाह संस्कार का सर्टिफिकेट जारी कर चुकी है।

माता-पिता ने बताया था कि KMC अधिकारियों ने कहा है कि डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मेदारी आरजी कर अस्पताल की है। जबकि, अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि सर्टिफिकेट KMC जारी करेगा।

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