लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता हो या पार्टी, सभी चाहते हैं मुफ्त की रेविड़यों की संस्कृति; आईना दिखाती एसबीआइ की रिपोर्ट

0

नई दिल्ली, 12मार्च। पिछले कुछ महीनों से भारत में चुनावी माहौल गरम है। पांच राज्यों के चुनावों के बाद, अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में भी देश व्यस्त है। इस बार की चुनाव में एक नई दिशा देखने को मिल रही है, जहां मुफ्त की रेविड़यों की मांग गहराई जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट की हाल की टिप्पणी ने इस मुद्दे पर और भी ध्यान खींचा है। कोर्ट ने कहा कि सभी राजनैतिक दल मुफ्त की रेविड़यों की राजनीति में शामिल हैं, चाहे वे मतदाता हों या पार्टी कार्यकर्ता। यह राजनीतिक दल इसलिए मुफ्त की रेविड़यों के खिलाफ कोर्ट की सुनवाई का विरोध कर रहे हैं, जो कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनकी नजर में समय और धन की बर्बादी है।

इस विवाद के बीच, एसबीआइ (इंडियन डेमोक्रेटिक आइन्स्टीट्यूट) की एक रिपोर्ट ने उजागर किया है कि अधिकांश दल मुफ्त की रेविड़यों की राजनीति का समर्थन कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह राजनैतिक दल अपने आपको जनता के हित में जुटाते हुए दिख रहे हैं, जो कि राजनीतिक उपयोगिता को समझते हैं।

मुफ्त की रेविड़यों की भरमार के बीच, एक बड़ा सवाल उठता है कि यह क्या सिद्ध करेगा? क्या यह वास्तव में लोकतंत्र की स्थिरता और विकास में सहायक होगा, या फिर यह एक राजनैतिक खेल का हिस्सा होगा, जो केवल चुनावी आयोजन तक सीमित होगा?

अब तक, यह बात स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। विभिन्न पार्टियों की मुफ्त की रेविड़यों की मांग के पीछे उनकी उम्मीद है कि इससे उनकी चुनावी अभियान को अधिक दरकारी ताकत मिलेगी। लेकिन, इसके साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों को नहीं खो देती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.