लोकसभा सचिवालय ने लॉगिन पासवर्ड को लेकर बदला नियम, अब सांसद नहीं कर पाएंगे ये काम
नई दिल्ली, 24नवंबर। महुआ मोइत्रा मामले से सबक लेते हुए अब लोकसभा सचिवालय ने लॉगिन पासवर्ड को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, अब सांसद अपने लॉगिन पासवर्ड को किसी और के साथ शेयर नहीं कर पाएंगे. सांसद का कोई भी निजी पीए अथवा कर्मचारी अथवा उनका कोई भी जानकार संसद की वेबसाइट को एक्सेस नहीं कर पाएगा. उनकी आईडी और लॉगिन पासवर्ड मोबाइल के साथ लिंक होगा.
जब भी कोई सांसद लॉगिन आईडी और पासवर्ड के जरिए संसद की वेबसाइट को ओपन करेंगे तो उनके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. इस ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को डालने के बाद ही सांसद वेबसाइट एक्सेस कर पाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय ने सभी सांसदों के लिए एक एडवाइजरी जारी करते हुए उन्हें सूचित किया है कि उनका कोई भी निजी कर्मचारी या कोई तीसरा पक्ष संसद की वेबसाइट को न तो एक्सेस कर सकता है, न नोटिस दे सकता है और न ही प्रश्न पूछ सकता है. सांसदों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि केवल सांसद ही अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड के जरिए संसद की वेबसाइट को एक्सेस कर पाएंगे. यह ओटीपी के साथ ही संभव हो पायेगा.
बता दें कि इससे पहले संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकपाल द्वारा इस मामले का संज्ञान लेकर अपनी जांच एजेंसियों को केस दर्ज करने का निर्देश देने का दावा करते हुए कहा था कि वह किसी संवैधानिक संस्था के प्रवक्ता नहीं है बल्कि केवल एक शिकायतकर्ता हैं.
निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि “भारत के संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार देश के टुकड़े- टुकड़े गैंग के लिए एक फ़ैशन बन गया है. भ्रष्टाचार की आरोपी सांसद के खिलाफ मैंने शिकायत लोकपाल में दर्ज की और लोकपाल ने उसे संज्ञान में लेकर अपनी जांच एजेंसियों को केस दर्ज करने कहा. मैं किसी संवैधानिक संस्था का प्रवक्ता नहीं हूं, मैं केवल एक शिकायतकर्ता हूं.”