सांसदों के हंगामे से नाराज ओम बिरला को नितिन गडकरी समेत कई नेताओं ने की मनाने की कोशिश, सदन में आने का किया आग्रह
नई दिल्ली, 3अगस्त। सदन में सांसदों के हंगामे से नाराज होकर लोक सभा में नहीं आ रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को सरकार और विपक्ष के कई नेताओं ने मिलकर मनाने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं गौरव गोगोई, एनसीपी की सुप्रिया सुले,आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, बसपा के रितेश पांडे, टीएमसी के सौगत रॉय, डीएमके की कनिमोझी और भाजपा के राजेंद अग्रवाल सहित अन्य कई दलों के नेताओं ने भी लोक सभा स्पीकर बिरला से मुलाकात कर उनसे सदन में आकर सदन की कार्यवाही का संचालन करने का आग्रह किया।
आपको बता दें कि, लोक सभा के अंदर सांसदों द्वारा लगातार वेल में आकर नारेबाजी करने, हंगामा करने और सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण के दौरान टीवी पर दिखाने की मंशा से सदन में मंत्रियों के सामने प्लेकार्ड लहराने से नाराज लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं किया।
गुरुवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन का संचालन करने के लिए पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल सदन में आए। उन्होंने जैसे ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की, लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को बुलाने की मांग करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही जब शुरू हो तो पीठासीन के पद पर वे स्पीकर साहब ( ओम बिरला) को देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पूरा सदन स्पीकर का मुरीद है और सब उन्हें सदन शुरू होने पर पीठासीन देखना चाहते हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि स्पीकर हमारे कस्टोडियन है, उनको बुलाकर पद पर बैठाइए, जो भी मसला है, हम आपस में समाधान कर लेंगे। हालांकि इसके बावजूद मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर सदन में विरोधी दलों के सांसदों का हंगामा और नारेबाजी आज भी जारी रहा जिसकी वजह से गुरुवार को भी सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पाई और सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इससे पहले बिरला ने बुधवार को भी लोक सभा की कार्यवाही का संचालन नहीं किया था।