नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई
नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की आज यहां एक बैठक हुई। इस बैठक का विषय “ई-बीसीएएस परियोजना” था।
नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा कार्यक्रम की स्थापना, विकास, कार्यान्वयन, रखरखाव और समीक्षा करता है। यह उड़ानों की सुरक्षा, नियमितता और दक्षता को ध्यान में रखते हुए गैरकानूनी हस्तक्षेप और खतरा संबंधित गतिविधियों के खिलाफ नागर विमानन परिचालन की सुरक्षा भी करता है। इसने अब ई-बीसीएएस शुरू किया है। यह आंतरिक प्रक्रियाओं के स्वचालन के लिए ई-शासन के तहत एक पहल है। यह हितधारकों की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन मंच होगा। यह संपूर्ण गतिविधियों को पारदर्शी, उपयोगकर्ता के अनुकूल और कुशल बनाने के उद्देश्य से मौजूदा प्रक्रियाओं व संगठन संरचना की मजबूती का लाभ उठाएगा। यह विभिन्न प्रभागों और प्रक्रियाओं में तकनीकी एकीकरण के माध्यम से कार्यालय संबंधित प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण करेगा, तेजी से अनुमोदन की सुविधा प्रदान करेगा और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करेगा।
मंत्री ने आगे कहा कि ई-सहज मॉड्यूल के तहत सुरक्षा अनुमोदन जारी करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। ई-प्रशिक्षण मॉड्यूल के तहत विमानन सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए 16 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस मॉड्यूल में ऑनलाइन परीक्षण और प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर प्रभावी पर्यवेक्षण शामिल है। केंद्रीयकृत पहुंच नियंत्रण प्रणाली (सीएसीएस) बायो-मीट्रिक हवाईअड्डा प्रवेश परमिट और वाहन प्रवेश परमिट के लिए ऑनलाइन प्रणाली से संबंधित है। यह हवाईअड्डों पर सभी क्षेत्रों में अनुमोदित सरकारी व निजी संस्थाओं और अधिकृत वाहनों के कर्मचारियों की पहुंच को विनियमित करेगा। यह ई-सुरक्षा कार्यक्रम सुरक्षा कार्यक्रम की मंजूरी के लिए एकल खिड़की सुविधा है। ई-गुणवत्ता नियंत्रण मॉड्यूल हवाईअड्डों के सुरक्षा लेखा परीक्षण और सुरक्षा निरीक्षण के लिए है। इसकी जानकारी दी गई है कि 3 मॉड्यूल – ई-सहज, सीएसीएस और ई-प्रशिक्षण को पूरा कर लिया गया है और इन्हें लॉन्च किया गया है। वहीं, ई-सुरक्षा मॉड्यूल जून, 2022 तक और ई-गुणवत्ता नियंत्रण कार्यक्रम के इस साल अगस्त तक पूरा होने की संभावना है।
इस बैठक के दौरान सांसदों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इसमें नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी. के. सिंह, नागर विमानन सचिव श्री राजीव बंसल और मंत्रालय, एएआई, बीसीएएस व डीजीसीए के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।