राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सहयोग से कानूनी सेवा क्लिनिक शुरू की
यह क्लिनिक संकटग्रस्त महिलाओं को निशुल्क कानूनी सहायता और परामर्श उपलब्ध कराएगी
महिलाओं के लिए कानूनी सहायता को अधिक सुलभ बनाने के अभियान में, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सहयोग से एक कानूनी सहायता क्लिनिक की शुरुआत की है। यह क्लिनिक निशुल्क कानूनी सहायता देकर महिलाओं की शिकायतों का समाधान करने के लिए एकल-खिड़की सुविधा के रूप में कार्य करेगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग अन्य राज्य महिला आयोगों में भी इसी प्रकार की कानूनी सेवाएं क्लीनिक स्थापित करने की योजना बना रहा है। कानूनी सहायता क्लिनिक नई दिल्ली में आयोग के कार्यालय में संचालित होगी। कोई भी महिला निशुल्क कानूनी सलाह और परामर्श की सुविधा प्राप्त करने के लिए इस क्लिनिक में आने में सक्षम होगी जहां डीएसएलएसए के पैनल के एडवोकेट ऐसी महिलाओं की मदद करेंगे।
कानूनी सहायता क्लिनिक का शुभारंभ समारोह आज नई दिल्ली में आयोग के कार्यालय में आयोजित किया गया। इस अवसर पर आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री सुशांत चंगोत्रा, डीएसएलएसए की अपर सचिव, सुश्री नमिता अग्रवाल, डीएसएलएसए के विशेष सचिव, श्री कंवल जीत अरोड़ा और डीएसएलएसए के सदस्य सचिव की इस अवसर पर गरिमामयी उपस्थिति रही।
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि इस कानून सहायता केन्द्र का उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त सलाह और कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना है। आज का दिन महिलाओं की सहायता करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के सतत प्रयासों में नया अध्याय शुरू करता है। कानूनी सहायता क्लिनिक महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें कानूनी परामर्श और सहायता प्राप्त करने के लिए वन-स्टॉप केन्द्र उपलब्ध कराने पर ध्यान केन्द्रित करेगी। महिलाएं अब बिना किसी परेशानी के कानूनी सहायता प्राप्त करने में समर्थ होंगी।
नए कानूनी सहायता क्लिनिक के तहत वॉक-इन शिकायतकर्ताओं को परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा और संकटग्रस्त महिलाओं को राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण / दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के बारे में परामर्श और जानकारी दी जाएगी। अन्य सेवाओं में महिला जनसुनवाई में सहायता, मुफ्त कानूनी सहायता, वैवाहिक मामलों में सुनवाई और आयोग में पंजीकृत अन्य शिकायतों के बारे में सहायता प्रदान करना शामिल है।