संस्कृति मंत्रालय ने मन की बात के 100वें एपिसोड के लिए तीन अनूठी पहल की हैं: संस्कृति सचिव गोविंद मोहन

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नई दिल्ली, 28अप्रैल। मन की बात के 100वें एपिसोड के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय ने तीन अनूठी पहल की हैं। नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्रालय के सचिव, गोविन्द मोहन ने कहा कि ये सभी पहलें, मन की बात के अनूठे मंच और इसमें शामिल हुए लोगों का जश्न मनाने की पहलें है । प्रधानमंत्री की अनूठी और क्रांतिकारी पहल, मन की बात का 100वां संस्करण 30 अप्रैल, 2023 को ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित किया जाएगा।

गोविन्द मोहन ने कहा कि मन की बात, समावेशी और जन केन्द्रित शासन के सिद्धांत पर आधारित है और देश की जनता के साथ सीधा संवाद और लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत और असाधारण कार्य करने वाले आम भारतीयों का जश्न मनाने का एक मंच है। कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने 29 अप्रैल, 2023 से देश भर में स्थित एएसआई स्मारकों सहित 13 प्रतिष्ठित स्थानों पर अत्याधुनिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से इस अवसर को यादगार तरीके से मनाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उनके कार्यक्रम मन की बात में संबोधित विविध विषयों और थीम की तर्ज पर प्रत्येक स्मारक प्रोजक्शन के द्वारा उसके ऐतिहासिक, स्थापत्य महत्व और क्षेत्र की विशिष्टता और देश के रूप में भारत की विविधता को उजागर करेगा।

सचिव गोविंद मोहन ने आगे कहा कि एक अन्य पहल में, एनजीएमए के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय ने जन शक्ति नामक एक कला प्रदर्शनी तैयार की है, जिसका उद्घाटन 30 अप्रैल को एनजीएमए, नई दिल्ली में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें 12 प्रसिद्ध कलाकारों की पेंटिंग प्रदर्शित की जाएंगी।

संस्कृति मंत्रालय की तीसरी प्रमुख पहल में अमृत चित्र कॉमिक्स का प्रकाशन शामिल है, जो प्रधानमंत्री द्वारा उनके मन की बात में उल्लिखित आम लोगों की वीर गाथाओं पर प्रकाश डालेगी। गोविंद मोहन ने बताया कि यह इन नायकों द्वारा किए गए अनुभवों और असाधारण और अच्छे कार्यों को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

गोविंद मोहन ने बताया कि ये पहल लोकप्रिय माध्यम से भारतीय लोगों के साथ संवाद और जुड़ने का एक प्रयास है। ये पहलें, लोगों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करेगी और मन की बात के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संदेश और सुझावों को दोहराएगी।

जिन 13 प्रतिष्ठित स्मारकों/स्थानों पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो आयोजित किए जाएंगे उनमें शामिल हैं –

1.लाल किला दिल्ली
2.ग्वालियर का किला, मध्य प्रदेश
3.कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा
4.गोलकुंडा किला, तेलंगाना
5.वेल्लोर किला, तमिलनाडु
5.गेटवे ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र
6.नव रतनगढ़ किला, झारखंड
7.रामनगर पैलेस, उधमपुर
8.रेजीडेंसी बिल्डिंग, उत्तर प्रदेश
9.मोढेरा सूर्य मंदिर, गुजरात
10.रंगघर, असम
11.चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान
12.प्रधानमंत्री संग्रहालय, नई दिल्ली

यह आयोजन आम लोगों के लिए शाम 5 बजे से खोला जाएगा । प्रोजेक्शन मैपिंग शो, जो क्षेत्रीय भाषाओं में होगा और हमारे देश के इतिहास और विरासत को विस्तृत वर्णन करेगा, आकर्षण का केंद्र होगा। शाम 7 बजे से पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे। यह शो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना में स्मारक के ऐतिहासिक और स्थापत्य चमत्कार के साथ-साथ मन की बात के विषय को प्रकाश डालेगा। इसके अलावा, मन की बात के पिछले एपिसोड्स को सुनने के लिए ‘ऑडियो बूथ’, तस्वीरों के माध्यम से इस महत्वपूर्ण अवसर की यादों को इकट्ठा करने के लिए ‘सेल्फी बूथ’ और विचारों को साझा करने के लिए ‘मैसेज बूथ’ जैसी कई अन्य पहलें भी की जाएगी।

एक अन्य पहल में, एनजीएमए दिल्ली में 30 अप्रैल, 2023 को ‘जन शक्ति’ पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा। प्रसिद्ध कलाकार अंजली एला मेनन इस अवसर पर मुख्य अतिथी होंगी तथा केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और डोनर मंत्री जी किशन रेड्डी के साथ संस्कृति और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रदर्शनी में जल संरक्षण, महिला सशक्तीकरण, कोरोना महामारी के बारे में जागरूकता, स्वच्छ भारत अभियान, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, भारतीय कृषि प्रणाली, योग और आयुर्वेद, भारतीय विज्ञान, खेल और स्वास्थ्य, भारत के स्वास्थ्य जैसे 12 विभिन्न विषयों के साथ ही स्वतंत्रता के 75 वर्षों में उपलब्धियां, अमृत काल और पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति, परंपरा और कला का उत्सव पर प्रमुख कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।

जल संरक्षण पर विभा गल्होत्रा, महिला सशक्तिकरण पर माधवी पारेख, कोरोना महामारी पर जागरूकता विषय पर अतुल दोडिया, स्वच्छ भारत अभियान पर रियास कोमू, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विषय पर जीआर ईराना, भारतीय कृषि प्रणाली पर आशिम पुरकायस्थ जैसे प्रख्यात कलाकारों द्वारा प्रदर्शनी प्रस्तुत की जाएगी। जबकि मनु पारेख योग और आयुर्वेद के विषय पर प्रस्तुति देंगे, जबकि ठुकराल और तगरा कला के माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के आयाम प्रदर्शित करेंगे। परेश मैती आपकी सर्वोत्तम क्षमता प्राप्त करने में भारत की पारंपरिक और आधुनिक प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डालेंगे,प्रतुल दास आजादी के बाद भारत की आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक उपलब्धियों और भविष्य के संकल्पों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अन्य में जगन्नाथ पांडा द्वारा उत्तर पूर्व भारत की अनूठी सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं का महत्व शामिल है; और मंजूनाथ कामथ द्वारा भारत और विश्व शामिल है। किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट की चेयरपर्सन किरण नादर इस परियोजना की सलाहकार हैं।

प्रधानमंत्री ने मन की बात को एक ऐसा मंच बनाने की परिकल्पना की है, जहां वे सीधे लोगों से जुड़ सकें और आम नागरिकों द्वारा किए गए प्रेरक कार्यों को सामने ला सकें। इसलिए, संस्कृति मंत्रालय अमर चित्र कथा के सहयोग से मन की बात में शामिल विषयों और कहानियों पर 30 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले एक वर्ष की अवधि में 12 कॉमिक पुस्तकों की एक श्रृंखला शुरू करने जा रहा है। इन पुस्तक में काल्पनिक पात्रों का एक सेट होगा जो पूरी 12 पुस्तक श्रृंखलाओं में रहेगा। इन पुस्तकों को अंग्रेजी में मुद्रित किया जाएगा और फिर 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया जाएगा।

इस अनूठे प्रयास के माध्यम से, संस्कृति मंत्रालय का उद्देश्य ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रम की अवधारणा बनाने के पीछे चल रही विचार प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है, इसके साथ ही विश्व भर में भारतीय संस्कृति, परंपरा और कला को बढ़ावा देने, उसका प्रचार करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को बल देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात के जरिए देश को संबोधित करते हैं। मन की बात का रेडियो प्रसारण 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में कई प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रसारित होता है।

आकाशवाणी पर 3 अक्‍टूबर, 2014 को शुरू हुआ ‘मन की बात’ का कार्यक्रम, सभी के लिए एक समावेशी मंच तैयार करने की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय हित के मामलों में जनता की भागीदारी को और ज्‍यादा सुगम बना रहा है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास में आम लोगों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों आदि की उपलब्धियों और सफलताओं को भी पहचान देता है।

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