युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल संघों को वित्तीय सहायता के लिए पहली मार्च 2022 से प्रभावी होने वाले मानदंडों में संशोधन किया
देश में खेलों के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करने के लिए गतिविधियों के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल करने के लिए अब एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है: श्री अनुराग ठाकुर
भारत सरकार राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को अपनी सहायता योजना के अंतर्गत एनएसएफ को विभिन्न खेल गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों के प्रशिक्षण और भागीदारी शामिल है। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने पहली मार्च 2022 से प्रभावी होने वाले सहायता के मानदंडों को संशोधित किया है।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जो मानदंड अब संशोधित किए गए हैं, वे नवंबर 2015 से लागू किए गए थे और इसलिए, यह सहायता राशि विभिन्न गतिविधियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं जो हमारे खिलाड़ियों के विकास और सफलता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में खेल के क्षेत्र में तेजी से प्रगति को सक्षम करने के लिए गतिविधियों के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल करने के लिए अब एक व्यापक दृष्टिकोण अपना लिया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए समर्थन, देश में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन, भारतीय कोचों को नवीनतम प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करना आदि का प्रमुख ध्यान रखा गया है।
संशोधित मानदंडों के अंतर्गत, उच्च प्राथमिकता, प्राथमिकता और भारतीय पारंपरिक खेलों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए सहायता की राशि को बढ़ाकर 51 लाख रुपए और सामान्य श्रेणी के खेलों के लिए, जिन्हें पहले ‘अन्य’ के रूप में जाना जाता था, की राशि बढ़ा कर 30 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे पहले, राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए सहायता की राशि 22 लाख रुपए थी। ऐसे खेल संघों के लिए जो दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे हैं, सभी वर्गों में प्रत्येक विषय के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए 15 लाख रुपये की सहायता राशि के प्रावधान की व्यवस्था की गई है।
सभी श्रेणियों के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण शिविर/प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए हवाई यात्रा की अनुमति दी गई है। भाग लेने वाले खिलाड़ी, चाहे सीनियर, जूनियर और सब जूनियर हों, सभी को अनुमति दी गई है, बशर्ते यात्रा 500 किलोमीटर या 10 घंटे से अधिक की हो।
सामान्य खेल प्रशिक्षण किट (जैसे ट्रैक सूट, टी-शर्ट, शॉर्ट्स, वार्म अप जूते आदि) के लिए भत्ता दोगुना 20,000 रुपए प्रति एथलीट साल में एक बार राष्ट्रीय शिविर में भाग लेने वालों के लिए कर दिया गया है। पहले यह राशि 10,0000 रुपए प्रति एथलीट थी।
देश में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए एनएसएफ को प्रोत्साहित करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के आयोजन के लिए सहायता राशि को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है। पहले यह राशि 30 लाख रुपये थी।
प्रबंधकों को अब विदेशों में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए भारतीय दल का हिस्सा माना जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके पास टीमों के प्रबंधन का अनुभव है, मंत्रालय ने टीमों के साथ प्रबंधकों के रूप में पात्र होने के लिए आवश्यक और वांछनीय योग्यताएं निर्धारित की हैं।
योग्य और उच्च गुणवत्ता वाले सहायक कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए, पारिश्रमिक में काफी वृद्धि की गई है। खेल डॉक्टरों और डॉक्टरों के पारिश्रमिक को पहले के 1 लाख रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके अलावा हेड फिजियोथेरेपिस्ट का पारिश्रमिक 2 लाख रुपए प्रति माह और फिजियोथेरेपिस्ट का पारिश्रमिक 1.5 लाख रुपए प्रति माह कर दिया गया है। इससे पहले यह राशि 80,000 रुपए प्रति माह थी।
विदेशी कोचों और सहायक कर्मियों को काम पर रखने के लिए, एनएसएफ को साई के परामर्श से संलग्न करने की अनुमति दी गई है। निगरानी प्रमुख उत्तरदायित्व क्षेत्रों (केआरए) की वार्षिक समीक्षा के माध्यम से की जाएगी और अनुबंध के विस्तार या बोनस के पुरस्कार के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय समीक्षा पर आधारित होंगे। एनएसएफ यह सुनिश्चित करेगा कि चयन समिति में साई का एक नामित व्यक्ति शामिल हो। विदेशी कोचों के लिए बजट को एनएसएफ के कुल स्वीकृत बजट के 30 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जाएगा।
एनएसएफ को कोचिंग के क्षेत्र में “आत्मनिर्भरता” के सिद्धांत का पालन करने और वैश्विक स्तर प्राप्त करने के लिए भारत में उपलब्ध प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और प्रशिक्षित करने के लिए कहा गया है तथा एनएसएफ को यह सुनिश्चित करना है कि उनके अनुबंध के कार्यकाल के दौरान कम से कम 5 भारतीय प्रशिक्षक विदेशी प्रशिक्षकों के साथ रहें ताकि भारतीय प्रशिक्षकों को भी तैयार किया जा सके और विदेशी प्रशिक्षकों पर निर्भरता कम हो सके।
मुख्य कोच और अन्य कोचों के पारिश्रमिक को संशोधित कर 3 लाख रुपये और 2 लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पहले यह राशि 1.5 लाख रुपए और 75000 रुपए प्रति माह थी। पीएसयू, रेलवे या अन्य संगठनों (सार्वजनिक/निजी) में कार्यरत प्रशिक्षक के एक राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के मामले में इसे राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में माना जाएगा और प्रति माह 50,000 रुपये की राशि संलग्नक के रूप में दी जाएगी। यह राशि वेतन सुरक्षित होने के बावजूद प्रशिक्षक के परिवार में परेशानी होने पर प्रदान की जाती है।
खेल उपकरणों की खरीद के लिए, एनएसएफ को अब सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) के प्रावधानों का पालन करते हुए अपने आप खरीददारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। इससे पहले, एनएसएफ को अपने आप खरीददारी करने की अनुमति थी यदि मूल्य 10 लाख रुपये तक था और उपकरणों का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक होने पर ख़रीदारी भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से की जाती थी।
एनएसएफ को खेल प्रशासन के क्षेत्र में योग्य पेशेवरों को नियुक्त करने में सक्षम बनाने के लिए सहायता के स्तर को एनएसएफ योजना के लिए बजट के पहले के 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है।