दिल्ली-NCR के 100 से ज्यादा स्कूलों को मिली बम की धमकी , धमकी से मचा हड़कंप

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नई दिल्ली, 1मई। दिल्ली के लगभग 100 स्कूलों और नोएडा के कम से कम दो स्कूलों को बुधवार (1 मई) की सुबह ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली, जिससे बड़े पैमाने पर स्कूल खाली करने को मजबूर होना पड़ा. घबराए अभिभावकों की स्कूलों के बाहर भीड़ उमड़ने पर गृह मंत्रालय ने कहा कि ईमेल अफवाह प्रतीत होती है.

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि उसने उन सभी स्कूलों की गहन जांच की है, जहां बम की धमकी मिली थी और उन्हें कुछ नहीं मिला. दिल्ली पुलिस (क्राइम) के स्पेशल सीपी रविंदर यादव ने कहा कि मंगलवार (29 अप्रैल) को कुछ अस्पतालों को भी इसी तरह के ईमेल मिले थे.

बच्चों को वापस भेजा गया घर
बम का पता लगाने वाली टीमें, बम निरोधक दस्ते और दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मियों को स्कूलों में भेजा गया क्योंकि पुलिस को बम की धमकी के बारे में दर्जनों कॉल आने लगीं. बच्चों को भी वापस घर भेज दिया गया.

इन बड़े स्कूलों को मिली धमकी
दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) की द्वारका और वसंत कुंज इकाइयां, पूर्वी मयूर विहार में मदर मैरी स्कूल, संस्कृति स्कूल, पुष्प विहार में एमिटी स्कूल और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में डीएवी स्कूल उन 100 स्कूलों में शामिल थे जिन्हें धमकी मिली थी. नोएडा में डीपीएस और एपीजे स्कूल को भी ऐसी ही धमकियां मिलीं.

रूस का है IP एड्रेस
सूत्रों का कहना है कि, धमकी वाले सभी मेल का पैटर्न एक जैसा ही है. शुरुआती जांच से पता चला है कि ईमेल भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया आईपी ऐड्रेस रूस का था. दिल्ली पुलिस को संदेह है कि आईपी एड्रेस को वीपीएन के जरिए छुपाया जा सकता है.

पुलिस अब ईमेल एड्रेस के आईपी एड्रेस को ट्रैक कर रही है. सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया है कि इस तरह के ईमेल आमतौर पर वीपीएन कनेक्शन का उपयोग करके भेजे जाते हैं ताकि असली आईपी एड्रेस को छुपा सकें. जांच टीम के सूत्रों का यह भी कहना है कि धमकी भरा मेल भेजने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया गया हो सकता है.

एलजी वीके सक्सेना ने किया स्कूल का दौरा
दिल्ली पुलिस की अलग-अलग टीमें जांच के अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रही हैं. स्थिति से निपटने के लिए नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस संयुक्त जांच कर रही है. धमकी मिलने वाले स्कूलों में से एक का निरीक्षण कर रहे दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से विस्तृत जांच की मांग की है.

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