नालको परियोजनाओं के कारण विस्थापित हुए ओडिशा के 635 लोगों में से 633 को नालको ने उनके पुनर्वास के रूप में नियुक्ति प्रदान की
नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) की परियोजनाओं के करण विस्थापित हुए ओडिशा के लोगों की समस्याओं की ओडिशा सरकार द्वारा गठित पुनर्वास और परिधि विकास सलाहकार समिति (आरपीडीएसी) द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में भूमि, पेड़ों/फसलों और संरचनाओं के अधिग्रहण के एवज में मुआवजे का आकलन भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजे और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (आरएफसीटीएलएआरआर अधिनियम, 2013) के अनुसार किया जाता है और कोयला युक्त क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम 1957 (सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम, 1957) के तहत एमसीएल में भूमि को निहित करने के बाद ग्रामीणों को भुगतान किया जा रहा है।
नालको की परियोजना संबंधी गतिविधियों की वजह से कुल 635 व्यक्ति विस्थापित हुए। इनमें से 600 व्यक्ति कोरापुट जिले के दमनजोड़ी में और 35 व्यक्ति अंगुल जिले में विस्थापित हुए। दमनजोड़ी में 600 भूमि विस्थापित व्यक्तियों (एलडीपी) में से 599 एलडीपी/उनके नामांकित व्यक्ति को नालको में नियुक्ति दी गई। शेष एक मामले के संबंध में, उनके पारिवारिक विवाद के कारण नामिती को अंतिम रूप नहीं दिए जाने के कारण जिला प्राधिकरण की ओर से निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है। अंगुल के 35 एलडीपी में से 34 एलडीपी/उनके नामांकित व्यक्ति नालको में नियुक्ति दी गई, जबकि एक एलडीपी ने रोजगार के बदले में एकमुश्त नकद सहायता को प्राथमिकता दी थी। एमसीएल में लगभग 16,297 व्यक्तियों को विस्थापितों के तौर चिन्हित किया गया है, जिनमें से 11,837 को पहले ही पुनर्वास संबंधी लाभ प्रदान किया जा चुका है। लेकिन अब तक 11,837 परिवारों में से केवल 8,248 परिवार ही अपने-अपने गांवों से हटे हैं। 11,837 परिवारों में से 3,455 परिवारों को पुनर्वास और पुनर्स्थापन स्थल पर पुनर्स्थापन हेतु भूखंड प्रदान किया गया है और 8,382 परिवारों को अब तक भूखंड के बदले नकद प्रदान किया गया है। शेष परिवारों को पुनर्वास संबंधी लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया चल रही है। पुनर्वास संबंधी लाभ ओडिशा सरकार की पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आर एंड आर) नीति के अनुसार प्रदान किए जाते हैं।
केन्द्रीय कोयला, खान तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।