पर्यटन स्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना की जाएगी : श्री जी किशन रेड्डी

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“साल 2024 तक 1.5 करोड़ विदेशी यात्रियों के आगमन के साथ भारत की जीडीपी में पर्यटन के जरिए 50 अरब डालर और विदेशी मुद्रा आय में 30 अरब डालर के योगदान का अनुमान”

“साल 2030 तक 25 करोड़ विदेशी यात्रियों के आगमन के साथ पर्यटन के द्वारा जीडीपी में 250 अरब डालर, और विदेशी मुद्रा आय में 56 अरब डालर के योगदान और पर्यटन क्षेत्र में 13.7 करोड़ नौकरियां हासिल करने का अनुमान”

राज्य पर्यटन मंत्रियों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का धर्मशाला में आज समापन हुआ

केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में आज धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में राज्य पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। 12 राज्यों मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, हरियाणा, मिजोरम, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लिया।

समापन भाषण के दौरान, श्री जी किशन रेड्डी ने सभी राज्य प्रतिनिधियों और क्षेत्र के प्रतिनिधियों को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद दिया। श्री रेड्डी ने आग्रह किया कि सभी राज्य पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करें और उन्हें अपनाएं। पर्यटन स्थलों को बेहतर बनाने और बढ़ावा देने के लिए राज्यों को अपने स्तर पर विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों और हितधारकों के साथ इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने चाहिए। श्री रेड्डी ने युवा पर्यटन क्लबों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि ये क्लब इस क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

श्री रेड्डी ने यह भी जानकारी दी कि पर्यटन स्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किए जाएंगे।  उन्होंने राज्यों और हितधारकों से सभी होटलों और पर्यटन स्थलों पर झंडा लगाने की भी अपील की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक दूसरे से सीखने के अवसर प्रदान करने के लिए समय-समय पर इस तरह के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और उम्मीद है कि इससे बहुत जल्द वांछित परिणाम मिलेंगे।

सम्मेलन के परिणाम के बारे में बात करते हुए, पर्यटन सचिव श्री अरविंद सिंह ने कहा कि भारत मुख्य रूप से घरेलू पर्यटन के माध्यम से दुनिया भर के टूरिज्म सेक्टर की रिकवरी में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी प्रमुख पर्यटन सूचकांकों जैसे घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक, होटल में पर्यटकों की मौजूदगी और पर्यटकों की संख्या ने महामारी से पहले के स्तर तक सुधार के संकेत दिखाना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा भारत के पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए एक समग्र दृष्टि और रणनीति के साथ तैयार किया गया है और 2047 में इस क्षेत्र द्वारा 1 लाख करोड़ डालर के स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य है। इसी पृष्ठभूमि में मंत्रालय जिम्मेदार और लंबे समय तक बने रहने वाले पर्यटन स्थलों को विकसित करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। भारत सरकार पर्यटन में एमएसएमई का समर्थन करना जारी रखेगी और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाओं का पूरा फायदा उठाना जारी रखेगी। महामारी के कारण पर्यटन अर्थव्यवस्था पर पड़े असर से पूरी तरह से उबरने के लिए पर्यटन मंत्रालय की चल रही योजनाओं के तहत विभिन्न पहलों को मजबूत करने की योजना है।

श्री अरविंद ने आगे कहा कि भारत 2023 में जी20 की अध्यक्षता के दौरान खुद को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की योजना बना रहा है। हम अपने देश में दुनिया के स्वागत में शिष्टाचार, समर्पण को सुनश्चित करते हुए अपनी सांस्कृतिक समृद्धि को सामने रखने की योजना बना रहे हैं। हम वीजा से जुड़े सुधार, यात्रा में आसानी, हवाई अड्डों पर यात्री अनुकूल आप्रवासन सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए खुले नियमों सहित आवश्यक कदम उठाने की योजना बना रहे हैं और इन प्रमुख विषयों पर दो दिवसीय बैठक के दौरान विचार-विमर्श किया गया था।

2024 के लिए भारत पर्यटन क्षेत्र के लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हम 2024 के मध्य तक महामारी के पहले के स्तर तक रिकवर होने का प्रयास करेंगे। देश को 2024 कर 1.5 करोड़ विदेशी यात्रियों के आगमन, सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन से 50 अरब डालर के और विदेशी मुद्रा आय में 30 अरब डालर के योगदान का अनुमान है।

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दशक में भारत के 7-9 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है और 2030 तक पर्यटन से जीडीपी में 250 अरब डालर, विदेशी मुद्रा आय में 56 अरब डालर के योगदान, पर्यटन क्षेत्र में 13.7 करोड़ नौकरियां और 2.5 करोड़ विदेशी पर्यटकों के आगमन के स्तर को हासिल किया जाना है। हम 2047 तक पर्यटन क्षेत्र में भारत की स्थिति सबसे अग्रणी देशों में सुनिश्चित करने के लिए इन लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

सम्मेलन सत्र के अंतिम दिन पर्यटन स्थलों की मार्केटिंग और प्रचार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, भारतीय आतिथ्य क्षेत्र में होमस्टे के उभरते महत्व, आयुर्वेद, कल्याण और चिकित्सा के लिए यात्रा, और अंत में वन और वन्यजीव पर्यटन पर सम्मेलन आयोजित किए गए। सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, भारत सरकार श्री अल्केश शर्मा, सचिव कौशल विकास और उद्यमशीलता, भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल, जी 20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, सदस्य नीति आयोग डॉ विनोद कुमार पॉल, एडिशनल सेक्रेटरी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण श्री लव अग्रवाल, पर्यटन सचिव श्री अरविंद सिंह, महानिदेशक पर्यटन श्री जी. कमला वर्धन राव और मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

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