भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अमृत महोत्सव के तहत एक दिन में लगभग 1.25 लाख पौधे लगाए
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में,भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया और 114 चिन्हित स्थानों पर वृक्षारोपण के माध्यम से एक दिन में लगभग 1.25 लाख पौधे लगाए। दिन भर चलने वाली इस पहल की शुरुआत केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा नागपुर में की गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का लक्ष्य भारत की आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव मनाने के क्रम में 15 अगस्त 2022 तक 75 लाख वृक्षारोपण करना है।
अपने संबोधन मेंश्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वृक्षारोपण एवं पौधरोपण पर ध्यान दे रहा है। इन पौधों की जियोटैगिंग पर भी काफी जोर दिया जा रहा है ताकि इन पौधों की प्रगति एवं वृद्धि पर नजर रखी जा सके। उन्होंने लोगों से आगे आकर इस कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया ताकि इस वृक्षारोपण अभियान का स्थायी एवं दीर्घकालिक लाभ प्राप्त किया जा सके।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी.के. सिंह और एनएचएआई की अध्यक्ष ने भी गाजियाबाद के डासना में आयोजित एक समारोह में पौधे लगाए। अपने संबोधन मेंश्री सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप एक व्यवहारिक एवं टिकाऊ इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहे हैं और यह वृक्षारोपण अभियान पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण योगदान देगा।
एनएचएआई की अध्यक्ष श्रीमती अलका उपाध्याय ने कहा कि एनएचएआई न केवल विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग का नेटवर्क बनाने के लिए लगन के साथ काम कर रहा है, बल्कि पर्यावरण को बनाए रखने की दिशा में भी काफी प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ ही जल निकायों के पुनर्भरण एवं कायाकल्प के लिए देश भर में वनीकरण और ‘अमृत सरोवर’ के निर्माण पर काफी जोर दिया गया है।
पर्यावरण की स्थिरता का संदेश फैलाने वाले इस अभियान में विभिन्न राज्यों के जनप्रतिनिधियों, नागरिक समाज के स्थानीय लोगों, गैर सरकारी संगठनों, कॉलेज के छात्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत एनएचएआई ने कई पहल की हैं जिनमें वृक्षारोपण अभियान और राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट स्थित तालाबों या ‘अमृत सरोवरों’ का निर्माण शामिल है, जोकि जल निकायों को पुनर्जीवित करने और भूजल के स्तर को ऊपर लाने में मदद करते हैं।