नेवा राज्य विधानसभाओं के कामकाज को कागज रहित बनाएगा- पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने नेशनल ई-विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया

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नई दिल्ली, 25मई।राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री  पीयूष गोयल ने नई दिल्‍ली के अशोक होटल के कन्वेंशन हॉल में संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित नेशनल ई-विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आज उद्घाटन किया। इस अवसर पर संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री  प्रह्लाद जोशी और विदेश एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन उपस्थित थे। इसके अलावा प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग में सचिव आईएएस  वी. श्रीनिवास, संसदीय कार्य सचिव आईएएस  गुडी श्रीनिवास, राज्य सरकारों के सचिव, राज्य विधानसभाओं के सचिव और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पीयूष गोयल ने उद्घाटन सत्र में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि नेवा विधानसभाओं को ज्ञान एवं सूचना के साथ सशक्त करेगा जिससे समय की बचत होगी और देश के सभी विधानसभाओं को कभी भी और कहीं से भी कनेक्‍ट किया जा सकेगा। इससे उन्हें भारत के नागरिकों की बेहतरी के लिए अपने अनुभव, ज्ञान और प्रथाओं को साझा करने में मदद मिलेगी।  गोयल ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते नेवा एक देश एक ऐप्लिकेशन के तौर पर हमारी विधायिकाओं को अपनी सेवाएं उपलब्‍ध कराएगा। हमें नेवा जैसी परियोजनाओं को लागू करते समय दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए क्‍योंकि ये संस्थानों और देश दोनों को समग्र रूप से लाभान्वित करते हैं। उन्होंने सभी राज्य विधानसभाओं द्वारा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नेवा को जल्द से जल्द चालू करने का अनुरोध किया।

माननीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया मिशन ने भारत को एक वैश्विक शक्ति में बदल दिया है। नेशनल ई-विधान ऐप्लिकेशन नेवा डिजिटलीकरण की राह पर देश के अग्रसर होने का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सभी राज्य विधानसभाओं के कामकाज को कागज रहित करते हुए उसे एक डिजिटल हाउस में बदलना है। अब तक 21 राज्य विधानसभाओं ने नेवा को लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। जबकि 17 विधानसभाओं के लिए परियोजना को मंजूरी दी गई है और परियोजना के कार्यान्वयन के लिए उन्हें राशि जारी की गई है। इनमें से 9 विधानसभाएं पूरी तरह डिजिटल हो पहले ही हो चुकी हैं और वे नेवा प्लेटफॉर्म पर लाइव हैं। वे अपने सभी एंड टु एंड कामकाज डिजिटल और काजग रहित तरीके से कर रहे हैं। नेवा को अपनाने से न केवल कागजों पर दस्‍तावेजीकरण के खर्च बचत होगी बल्कि इससे हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए बड़ी तादाद में पेड़ों को बचाने में भी मदद मिलेगी।

माननीय राज्यमंत्री  वी. मुरलीधरन ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि यह डिजिटल युग है और इसमें भारत दुनिया में अग्रणी है। हमारे देश में हो रहे डिजिटल बदलाव की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। नेशनल ई-विधान ऐप्लिकेशन नेवा न केवल विधानसभाओं के विधायी कामकाज को कागज रहित बनाएगा बल्कि यह काफी समय और धन की बचत करने में भी मदद करेगा।

संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव आईएएस गुडे श्रीनिवास ने बताया कि नेवा एक सदस्य-केंद्रित, विकेन्द्रीकृत डिजिटल एप्लिकेशन है जो विधानसभाओं की पूरी विधायी प्रक्रियाओं को कवर करते हुए दैनिक कामकाज के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जानकारी उपलब्ध कराता है। सचिव ने नेवा को प्राथमिकता के आधार पर अपनाने के लिए सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया।

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) में सचिव आईएएस  वी. श्रीनिवास ने इस परियोजना की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि एक साझा राष्‍ट्रीय प्‍लेटफॉर्म पर सभी विधानसभाओं के डिजिटलीकरण की यह पहल आम लोगों को सशक्त बनाएगी और लोकतांत्रिक मूल्य एवं लोकाचार को मजबूत करने में मदद करेगी।

कार्यशाला के पहले दिन विभिन्‍न विषयों पर तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। इनमें डिजिटल हाउस के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर नेवा, नेवा: अब तक का सफर- नेवा को लागू करने वाली विधानसभाओं द्वारा अनुभव साझा करना, नेवा के सफर में एनआईसी की भूमिका और नेवा के कार्यान्‍वयन के लिए उठाए जाने वाले आवश्‍यक कदम आदि शामिल हैं।

इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्‍य मध्यावधि समीक्षा के तौर पर अब तक की प्रगति की समीक्षा करना और नेवा को सार्वभौमिक तौर पर पूरे देश में राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाए जाने में तेजी लाना है।

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