काम की खबर: मेट्रो स्टेशन तक ही नहीं आपको घर तक पहुंचाएगा DMRC, बनाया ये खास प्लान
नई दिल्ली ,21 फरवरी।अगर आप राजधानी दिल्ली में रहते हैं, तो ये खबर आपके बड़े काम की है। अब आपको मेट्रो स्टेशन से घर तक पैदल जाने की जरूरत नहीं है और न ही इसके लिए ऑटो वालो को मंहगा किराया देना पड़ेगा। दिल्ली मेट्रो अब आपको स्टेशन से घर तक पहुंचाने का भी इंतजाम करने वाला है। दरअसल आने वाले महीनों में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) छतरपुर, रोहिणी और मध्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक ऑटो के माध्यम से लास्ट-माइल कनेक्टिविटी लेकर आने वाला है।
दो ई-ऑटो ऑपरेटर के साथ हुई है डील
डीएमआरसी ने लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ई-ऑटो चलाने के लिए वर्तमान में दो ऑपरेटरों को नियुक्त किया है। इनमें से एक ऑपरेटर मैसर्स सन मोबिलिटी, ने अक्टूबर 2022 में द्वारका इलाके से 50 ई-ऑटो के साथ सामान्य कोटा के तहत ई-ऑटो सर्विस की शुरुआत की और फिलहाल 136 ई-ऑटो को चला रहा है। इसके अलावा एक अन्य ऑपरेटर मेसर्स ईटीओ मोटर्स ने 36 ई-ऑटो के साथ दिसंबर 2022 में आजादपुर इलाके में महिलाओं के कोटे (केवल महिलाओं द्वारा संचालित) के तहत ई-ऑटो सेवाओं की शुरुआत की।
आने वाले महीनों में यहां चलेंगे ई-ऑटो
डीएमआरसी के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के मुख्य कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा, ‘आने वाले महीनों में छतरपुर, रोहिणी और मध्य दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी इन ई-ऑटो-आधारित अंतिम माइल कनेक्टिविटी का विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।’
पहले इलेक्ट्रिक फीडर बसें लेकर आया था DMRC
ई-ऑटो से पहले डीएमआरसी लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए दिल्ली में इलेक्ट्रिक फीडर बसें लेकर आया था। लेकिन डीएमआरसी के अधिकारियों ने कहा कि ई-फीडर बसें व्यवहारिक नहीं थीं, क्योंकि उसकी क्षमता के हिसाब से कम लोग इस्तेमाल कर रहे थे, यानी बसें खाली चल रही थीं। एक अधिकारी ने पहले कहा था कि ई-ऑटो के इस्तेमाल के लिहाज से ज्यादा बेहतर है वहीं बसें लास्ट माइल कनेक्टिविटी के बजाय शहरी ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा बेहतर ऑप्शन है।
इलेक्ट्रिक ऑटो पर क्यों दे रहे जोर?
इलेक्ट्रिक फीडर बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या चिंता का विषय है, इसलिए डीएमआरसी दिल्ली सरकार को 100 से ज्यादा ई-फीडर बसें सौंपने की प्रक्रिया में है। अप्रैल तक ये प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। टीओआई ने पहले बताया था कि ट्रांसपोर्ट डिपोर्टमेंट ने जियोफेंसिंग के साथ इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए जोर देने का फैसला किया था ताकि वे उन इलाकों में कनेक्टिविटी को जोड़ सके, जहां अभी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अच्छी तरह पहुंच नहीं है