“पूर्वोत्तर देश की सांस्कृतिक विविधता में नये रंग भरता है और देश की खेल विविधता को नये आयाम देता है”:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली, 25अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इम्फाल, मणिपुर में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ को वीडियो संदेश के माध्यम से सम्बोधित किया।
उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने हर्ष व्यक्त किया कि इस वर्ष ‘चिंतन शिविर’ मणिपुर में हो रहा है और पूर्वोत्तर के अनेक खिलाड़ियों ने देश के लिये पदक जीतकर तिरंगे का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने सगोल कांगजई, थांग-ता, यूबी लाक्पी, मुक्ना और हियांग तान्नबा जैसे देसी खेलों को रेखांकित किया और कहा कि ये सभी खेल अपने आप में काफी आकर्षक खेल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर और मणिपुर ने देश में खेल परंपरा को आगे ले जाने में अहम योगदान किया है।” देसी खेलों के सिलसिले में प्रधानमंत्री ने मणिपुर के ऊ-लावबी नामक खेल का उल्लेख किया, जो कबड्डी से मिलता-जुलता है। इसी तरह हियांग तान्नबा से केरल की नौका-दौड़ की याद आती है। उन्होंने पोलो के साथ मणिपुर के ऐतिहासिक जुड़ाव पर भी गौर किया और कहा कि पूर्वोत्तर देश की सांस्कृतिक विविधता में नये रंग भरता है और देश की खेल विविधता को नये आयाम देता है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि देशभर के खेल मंत्रियों को ‘चिंतन शिविर’ की समाप्ति तक बहुत-कुछ सीखने का अनुभव मिलेगा।
चिंतन शिविर पर प्रकाश डालते हुये और भावी लक्ष्यों पर चर्चा तथा पूर्व की गोष्ठियों की समीक्षा करने की जरूरत को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “हर चिंतन शिविर चिंतन से आरंभ होता है, मनन के साथ आगे बढ़ता है और क्रियान्वयन के साथ समाप्त होता है।” वर्ष 2022 में केवड़िया की पिछली बैठक को याद करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उस बैठक में अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई थी और खेलों की बेहतरी के लिये एक इको-प्रणाली का रोडमैप तैयार करने पर सहमति हुई थी। प्रधानमंत्री ने खेल सेक्टर में केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ती भागीदारी का उल्लेख किया और उन पहलकदमियों को रेखांकित किया, जिनकी बदौलत यह संभव हो सका है। उन्होंने आगे कहा कि यह समीक्षा नीतियों और कार्यक्रमों के स्तर तक ही नहीं होनी चाहिये, बल्कि अवसंरचना विकास और पिछले वर्ष की खेल उपलब्धियों की भी समीक्षा की जानी चाहिये।
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केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री और सूचना एवं प्रसारण अनुराग सिंह ठाकुर, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल और गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, मंत्रालय में युवा कार्यक्रम की सचिव मीता आर लोचन और खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी और मणिपुर के मुख्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई।
अनुराग सिंह ठाकुर ने अपने भाषण में बताया कि मात्र 36 लाख की कम आबादी होने के बावजूद मणिपुर ने अन्य बड़े राज्यों की तुलना में खेल के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इस योगदान को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विकसित करने के लगभग 900 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए यह धनराशि खर्च की जाएंगी। उन्होंने मणिपुर के स्थानीय खेलों की लोकप्रियता पर भी बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी खेलो इंडिया में कई स्वदेशी खेलों को अपनाया है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ आना चाहिए और अपने-अपने राज्यों में खेलों को कैसे बढ़ावा दिया जाए, इस पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने मणिपुर के खिलाड़ियों के खेल कौशल का उल्लेख करते हुए राज्य के उन खिलाड़ियों की उपलब्धियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने उन महिला खिलाड़ियों की सराहना की जिन्होंने राष्ट्र को गौरवान्वित किया और आशा व्यक्त की कि अन्य राज्य और ऐसे अन्य प्रतिभावान खिलाड़ियों को लाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेंगे जो खेल प्रतिभा के माध्यम से देश का गौरव बढ़ा सकते हैं।
अपने भाषण का समापन करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों को अपने अनुभव साझा करने और अपने-अपने राज्यों में खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए की गई पहल की जानकारी देने का सुझाव दिया। उन्होंने उनसे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने को भी कहा और भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने आभार व्यक्त किया कि भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने राज्य के 16 जिलों में 32 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी, हॉकी और भारोत्तोलन के तीन खेल श्रेणियों में, खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बहुत जल्द शुरू होगा। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय (एनएसयू) का कार्य भी पूरा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय भारत में खेलों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और राज्य सरकार खेल संस्कृति और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव समर्थन कर रही है।
एन. बीरेन ने बताया कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से और बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के जरिए खुमान लंपक खेल परिसर का उन्नयन कार्य भी चल रहा है। निजी भागीदारों के सहयोग से युवा नवोदित एथलीटों के प्रशिक्षण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और वीडियो विश्लेषण से राज्य में खेलों के विकास में मदद मिलेगी।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल और गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उपयुक्त स्थान है और राज्यों के बीच एक दूसरे को प्रोत्साहित करने और खेलों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय, इंफाल द्वारा आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने मिलकर किया। फोटो-प्रदर्शनी इंफाल के सिटी कन्वेंशन सेंटर में चिंतन शिविर के एक भाग के रूप में आयोजित की गई। इसका विषय आजादी का अमृत महोत्सव, मिशन लाइफ, 9 साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण था।
चिंतन शिविर के तकनीकी सत्रों में युवा पोर्टल, राष्ट्रीय युवा महोत्सव का पुनर्गठन, खेलो इंडिया और भारत सरकार की अन्य योजनाओं का अवलोकन, खेल क्षेत्र में नवाचार जैसे विषयों पर प्रस्तुति दी गई और संवादात्मक सत्रों में विचार-विमर्श किया गया।