नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड ने अपना अब तक का सर्वाधिक क्रूड थ्रूपुट और डिस्टिलेट उत्पादन अर्जित किया
नई दिल्ली ,4अप्रैल। नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी 3.0 मिलियन मीट्रिक टन की निर्धारित क्षमता की तुलना में 3.093 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) का अपना अब तक का सबसे अधिक क्रूड थ्रूपुट (प्रवाह क्षमता) दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा, कंपनी ने 87.6 प्रतिशत डिस्टिलेट (आसुत) उत्पादन भी हासिल किया है जो इस कपंनी का अपनी स्थापना से लेकर अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है। एनआरएल ने 6,615 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ यह उपलब्धि अर्जित की है, जो अब तक का सबसे अधिक व्यय है। इसने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने 3,605 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के पूर्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
कंपनी का वित्तीय वर्ष 2022-23 अनुकरणीय भौतिक प्रदर्शन के साथ सकारात्मक रूप से समाप्त हुआ है। इस उपलब्धि से वित्तीय लाभ बढ़ने और मूलभूत वृद्धि होने की उम्मीद है। इस रिफाइनरी के प्रमुख उत्पादन जैसे- एमएस, एचएसडी और वैक्स में अब तक के सर्वाधिक उत्पादन आंकड़े प्राप्त हुए हैं जो क्रमश: 662.4 एमटी, 2,134.8 एमटी और 47.7 एमटी दर्शाए गए हैं। एलपीजी बॉटलिंग भी अब तक के उच्च स्तर 65.9 टीएमटी पर रही है।
इस वित्तीय वर्ष का एक अन्य आकर्षण 18 मार्च 2023 को भारत और बांग्लादेश के माननीय प्रधानमंत्रियों द्वारा भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की सफल शुरुआत और उद्घाटन करना रहा है। 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष (एमएमटीपीए) 132 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण पश्चिम बंगाल में एनआरएल के सिलीगुड़ी मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश में पारबतीपुर तक हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) के परिवहन के लिए किया गया है।
इस रिफाइनरी की क्षमता 3 एमएमटीपीए से बढ़ाकर 9 एमएमटीपीए तक करने के लिए एक प्रमुख क्षमता विस्तार अभियान शुरू किया गया है, जिसमें ओडिशा के पारादीप बंदरगाह में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) आयात टर्मिनल का निर्माण और पारादीप से नुमालीगढ़ तक 1,640 किलोमीटर लंबी क्रूड ऑयल की पाइपलाइन बिछाना भी शामिल है। एनआरएल ने फीनलैंड के सहयोगियों से एक संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से नुमालीगढ़ में फीडस्टॉक के रूप में बांस बायोगैस के साथ अपनी तरह की पहली बायो रिफाइनरी भी स्थापित कर रही है। इस बायो रिफाइनरी की 2023 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है, जो 49,000 टन इथेनॉल और अन्य रसायनों का उत्पादन करेगी और वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण अर्जित करने के राष्ट्र के लक्ष्य में योगदान देगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने अभी हाल में ट्वीट्स में, जैसा कि नीचे दिया गया है, यह स्वीकार किया है कि पूर्वोत्तर भारत में स्थापित इस सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ने अनुकरणीय कार्य प्रदर्शन किया है।