स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वेबिनार का आयोजन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किए प्रावधानों पर आज वेबिनार का उद्घाटन कर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में उन कारकों के बारे में विस्तार से बात की, जो स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वांगीण और समावेशी बनाने के प्रयासों को रेखांकित करते हैं। प्रधानमंत्री ने आयुष की पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने और वर्तमान स्वास्थ्य प्रणाली में उसके सक्रिय जुड़ाव पर जोर दिया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित वेबिनार में आयुष मंत्रालय ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। समावेशी और निष्पक्ष स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए टेलीमेडिसिन और आईटी एप्लीकेशन वाली सेवाओं को मजबूत करने पर हुई पैनल चर्चा में दोनों मंत्रालयों के अलावा, नीति आयोग, स्टार्टअप क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ और अन्य शिक्षाविद भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने दुनिया में आयुष की बढ़ती स्वीकृति का जिक्र किया और इस तथ्य पर गर्व महसूस किया कि डब्लूएचओ भारत में अपना एकमात्र ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन शुरू करने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘अब यह हम सभी पर निर्भर है कि हम अपने लिए और दुनिया के लिए भी आयुष के बेहतर समाधान कैसे तैयार करें।’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पारंपरिक दवाओं, विशेष रूप से हर्बल उत्पादों की भारी मांग रही। उन्होंने सभी हितधारकों से इस मौके का उपयोग करने के लिए दूसरे देशों में संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया।
आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आयुष मंत्रालय पहले ही आयुष्मान भारत, डिजिटल मिशन और नेशनल टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में कई पहल कर चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में जिन पहलों का जिक्र हुआ है, उसे तेज किया गया है और इसे रोडमैप के अनुसार लागू किया जाएगा।
आयुष मंत्री ने आगे कहा कि डिजिटल स्पेस की बढ़ती लोकप्रियता और निर्भरता के साथ, केंद्र सरकार ने डिजी-इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर जोर दिया है, जिसे आयुष मंत्रालय ने बेहतर तरीके से सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा, ‘बजट में किए गए विभिन्न प्रावधान आयुष-ग्रिड के तहत पूरे आयुष क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।’
वेबिनार के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आयुष मंत्रालय पूरे समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। हम दो अलग-अलग मंत्रालय हैं लेकिन हमारा लक्ष्य हर नागरिक को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। प्रधानमंत्री के ‘एक भारत, एक स्वास्थ्य’ के विजन को दोनों मंत्रालयों के बीच समन्वय से हासिल किया जाएगा।’
आयुष मंत्रालय के सचिव, वैद्य राजेश कोटेचा ने सभी के योगदान की सराहना करते हुए कहा, ‘मंत्रालय पहले से ही एबीडीएम के सहयोग से आयुष ग्रिड के जरिए पूरे आयुष क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा, एबीडीएम ढांचे के भीतर टियर 2, टियर 3, टियर 4 शहरों में विशेष रूप से छोटे अस्पतालों के नियामकीय अनुपालन के लिए एकल विंडो सिस्टम की आवश्यकता है।’
वेबिनार को तीन समानांतर सत्रों में बांटा गया था, जिसमें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्रीय बजट में घोषित विभिन्न कदमों पर चर्चा की गई। पैनलिस्ट ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), नेशनल टेली-मेडिसिन और ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म और टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम पर जानकारी साझा की। सभी प्रतिभागियों और पैनलिस्ट ने इस बात का समर्थन किया कि आयुष चिकित्सा प्रणाली और सेवाओं को मुख्य धारा में लाया जाना चाहिए और सभी डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। चर्चा के दौरान, कई हितधारकों ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की और निजी संगठनों की अधिक भागीदारी पर भी जोर दिया गया।