मणिपुर हिंसा मुद्दे पर हंगामे के बीच संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
नई दिल्ली, 28 जुलाई। मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मणिपुर की स्थिति पर नियम 267 के तहत 47 नोटिस मिली है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर अल्पावधि चर्चा की बात पहले ही स्वीकार कर चुके थे और सरकार ने भी इसके लिए सहमति व्यक्त की है। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर की स्थिति पर नियम 267 के तहत तत्काल चर्चा कराए जाने पर जोर दिया। सभापति ने तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ.ब्रायन के आचरण पर नाराजगी व्यक्त की और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन में गोवा से राज्यसभा सांसद विनय दीनू तेंदुलकर को विदाई दी गई जिनका कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है।
लोकसभा में सुबह के स्थगन के बाद दिन के बारह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जनता दल यूनाइटेड और अन्य विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। वे इस मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग कर रहे थे। शोरगुल के बीच ही सदन में तीन विधेयक – खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 और राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक 2023 पारित किए गए। सदन में भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक 2023 भी पेश किया गया1 इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
आज सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने अध्यक्ष से अपनी पार्टी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर व्यवस्था देने का आग्रह किया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रावधान के अनुसार ऐसा प्रस्ताव, इसे स्वीकार किए जाने के दस दिन के भीतर लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से आग्रह किया कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दी जाए लेकिन शोर-शराबा बने रहने पर, उन्होंने पहले दिन के बारह बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी।