देशभर के पेट्रोलपंप मालिकों ने वैट हटाने, मार्जिन में संशोधन और ‘एक राष्ट्र, एक कर’ लागू करने के लिए दिल्ली में की रैली

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नई दिल्ली, 24अगस्त। देशभर के पेट्रोलपंप डीलरों ने बुधवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंप कर पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री पर अपना मार्जिन बढ़ाने की मांग की, क्योंकि मार्जिन में अंतिम संशोधन के छह साल पहले हुए थे। डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोल और डीजल पर वैट जारी रखने को अव्यवहारिक और क्षेत्रीय स्तर पर असंतुलन पैदा करने वाला बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक राष्ट्र- एक कर’ के विजन के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों को भी नये जीएसटी प्रावधानों के अंतर्गत लाने की मांग की।
विभिन्न राज्यों के पेट्रोल डीलर संघों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को संयुक्त रूप से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्हें प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों और समस्याओं का उल्लेख करते हुए उनका शीघ्रता से समाधान करने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में बताया गया है कि पेट्रोलपंपडीलर्स को मिलने वाले मार्जिन में पिछले छह साल से कोई संशोधन नहीं हुआ है। भारत में 70 हजार से अधिक पेट्रोलपंप हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं। तेल विपणन कंपनियों द्वारा डीलर्स के मार्जिन में संशोधन से लगातार इनकार करने के कारण उनके समक्ष गंभीर वित्तीय संकट एवं अन्य कठिनाइयां पैदा हुई हैं।
पेट्रोलियम डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा और यूपी पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के संयुक्त आह्वान पर दिल्ली पहुंचे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार और मध्य प्रदेश सहित 16 राज्यों के पेट्रोलियम डीलर्स ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की।
इस मौके पर यूपी पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजीत कुमारने कहा, ‘पेट्रोलपंप मालिक की आय का स्रोत तेल विपणन कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला मार्जिन है। इसमें आखिरी संशोधन वर्ष 2017 में ही हुआ था। पिछले छह वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी बढ़ी हैं, लेकिन मार्जिन स्थिर रहा है। जबकि इस दौरान पेट्रोलपंप डीलरों द्वारा कर्मचारियों को दिया जाने वाला वेतन एवं अन्य खर्चों के साथ-साथ महंगाई काफी बढ़ गई है। ऐसे में स्थिर मार्जिन के कारण डीलरों के समक्ष गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो गया है।’
पेट्रोलपंपडीलर्स एसोसिएशन, पंजाब के प्रवक्ता मोंटीसहगल ने कहा, भारत में ईंधन स्टेशनों का सबसे बड़ा नेटवर्क है। देशभर में 70,000 से अधिक पेट्रोलपंप हैं। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार पर जोर के बावजूद, यह अनुमान लगाया गया है कि निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था की वृद्धि में पेट्रोलपंपों का योगदान भी बढ़ता रहेगा। कई मायनों में, पेट्रोलपंप भारतीय अर्थव्यवस्था की एक मजबूत कड़ी हैं जो देश के विकास को निरंतर गति देते हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पेट्रोलपंप डीलर की चिंताओं का न्यायोचित समाधान करते हुए उन्हें व्यापार की चुनौतियों का सामना करने के लिए समान माहौल प्रदान करे।’
सहगल ने कहा, ‘कोरोना काल में लॉकडाउन और विभिन्न प्रतिबंधों के दौरान भी आपातकालीन सेवाओं के पहिए लगातार चलते रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए पेट्रोलडीलर्स ने दिन-रात काम किया। जबकि दैनिक बिक्री की संख्या और मात्रा में भारी गिरावट के कारण डीलरों को काफी नुकसान झेलना पड़ा।
पेट्रोलियम डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि विभिन्न एसोसिएशन पिछले छह वर्षों से तेल विपणन कंपनियों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं और मार्जिन में संशोधन के लिए अनुरोध कर रहे हैं। मार्जिन में संशोधन वर्ष में दो बार यानी प्रत्येक छह माह में निर्धारित किये गये थे, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले छह वर्षों से इसमें कोई संशोधन नहीं हुआ है। कोविड महामारी के दौरान लगे विभिन्न प्रतिबंधों के कारण, पेट्रोलियम डीलरों को काफी नुकसान हुआ, जबकि तेल कंपनियों ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया। इससे स्पष्ट है कि इस व्यापार में असमानता और भेदभाव है।
एसोसिएशन के महासचिव धर्मवीर चौधरी ने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव मौजूदा परिदृश्य में भी, पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें मई 2022 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं। इस बीच, तेल विपणन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में अच्छा मुनाफा कमाया है।’
पेट्रोलपंपडीलर्स एसोसिएशन, पंजाब के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा ने डीलर्स को पेश आने वाली कई अन्य समस्याओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘200किलोलीटर से कम थ्रूपुट वाले छोटे डीलरों को तेल कंपनियों द्वारा विशेष पैकेज मिलना चाहिए। इसके अलावा, कई खराब पेट्रोलपंपों को देखते हुए, तेल कंपनियों द्वारा नयेपंप खोलने पर विचार करना उचित नहीं होगा, जैसा कि नये विज्ञापनों से संकेत मिलता है।’
श्री दोआबा ने कहा, ‘मौजूदा स्थिर मार्जिन के कारण पेट्रोलपंपडीलर्स के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। उनकी वैध मांगों के प्रति तेल विपणन कंपनियों का लगातार अनुत्तरदायी बने रहना उन्हें और निराश कर रहा है। यही कारण है कि डीलर्स भारत सरकार से अपनी चिंताओं के समाधान की मांग करने पर मजबूर हो गये हैं। हमें माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री पर बहुत भरोसा है और हम उनसे डीलर्स को इस संकट से उबारने की अपील कर रहे हैं।’
इस दौरान मिलावटी डीजल का मुद्दा भी उठा। एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा, निगरानी प्रणाली के अभाव के कारण, कैमिकल मिश्रित मिलावटी डीजल बेचने के लिए बाउजर्स का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।

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