प्रधानमंत्री ने फरीदाबाद में अत्याधुनिक अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया

0

“अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। वह भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं”

“भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां, इलाज एक सेवा है, आरोग्य एक दान है। जहां आरोग्य आध्यात्म, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं”

“हमारे धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की ये व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का पीपीपी मॉडल ही है। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप तो कहते ही हैं लेकिन मैं इसे ‘परस्पर प्रयास’ के तौर पर भी देखता हूं”

“जब समाज के धर्मगुरू, अध्यात्मिक गुरू एक साथ आए, उन्होंने लोगों को अफवाहों पर ध्यान ना देने को कहा, तो उसका तुरंत असर हुआ। भारत को उस तरह की वैक्सीन हेसिटेंसी का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा अन्य देशों में देखने को मिला”

“गुलामी की मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं, तो हमारे कार्यों की दिशा भी बदल जाती है”

“सच्चा विकास वही है जो सभी तक पहुंचे”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज फरीदाबाद में अत्याधुनिक अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, श्री माता अमृतानंदमयी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही देश ने एक नयी ऊर्जा के साथ आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है। हमारे इस अमृतकाल में देश के सामूहिक प्रयास प्रतिष्ठित हो रहे हैं, देश के सामूहिक विचार जाग्रत हो रहे हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस अमृत काल की इस प्रथम बेला में देश को श्री माता अमृतानंदमयी के आशीर्वाद का अमृत भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल आधुनिकता और आध्यात्मिकता का मिश्रण है और जरूरतमंद मरीजों के लिए सुलभ और किफायती इलाज का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा, “अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। वह भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं।”

भारत की सेवा और चिकित्सा की महान परंपरा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां, इलाज एक सेवा है, आरोग्य एक दान है। जहां आरोग्य आध्यात्म, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं। हमारे यहां आयुर्विज्ञान एक वेद है। हमने हमारी मेडिकल साइन्स को भी आयुर्वेद का नाम दिया है।” उन्होंने सभा को याद दिलाया कि सदियों से गुलामी के कठिन दौर में भी भारत ने अपनी आध्यात्मिक और सेवा विरासत को कभी भी गुमनामी में लुफ्त नहीं होने दिया।

उन्होंने राष्ट्र के सौभाग्य के बारे में बताया कि पूज्य अम्मा जैसे संतों के रूप में आध्यात्मिक ऊर्जा हमेशा देश के कोने-कोने में व्याप्त थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की ये व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का पीपीपी मॉडल ही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप तो कहते ही हैं, लेकिन मैं इसे ‘परस्पर प्रयास’ के तौर पर भी देखता हूं।”

प्रधानमंत्री ने भारत में बने वैक्सीन के बारे में दुष्प्रचार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप सभी को ध्यान होगा कि जब भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी, तो कुछ लोगों ने किस तरह का दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी। इस दुष्प्रचार की वजह से समाज में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी थीं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लेकिन जब समाज के धर्मगुरू, अध्यात्मिक गुरू एक साथ आए, उन्होंने लोगों को अफवाहों पर ध्यान ना देने को कहा, तो उसका तुरंत असर हुआ। भारत को उस तरह की वैक्सीन हेसिटेंसी का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा अन्य देशों में देखने को मिला।

लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच-प्राणों का एक विजन देश के सामने रखा है। इन पंच प्राणों में से एक है- गुलामी की मानसिकता का संपूर्ण त्याग। उन्होंने कहा कि इसकी इस समय देश में खूब चर्चा भी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं, तो हमारे कार्यों की दिशा भी बदल जाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यही बदलाव आज देश के हेल्थ केयर सिस्टम में भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि देश के पारंपरिक ज्ञान में विश्वास बढ़ रहा है। योग की आज वैश्विक स्वीकृति है और पूरा विश्व अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाएगा।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा आज देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जहां घर-घर पाइप से पानी की सुविधा से जुड़ चुका है। प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में भी उत्कृष्ट योगदान के लिए हरियाणा के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि फिटनेस और खेल जैसे विषय तो हरियाणा के संस्कारों में ही हैं।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री द्वारा फरीदाबाद में अमृता अस्पताल का उद्घाटन संपन्न होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा। माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 2600 बिस्तरों से लैस होगा। करीब 6000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। यह अस्पताल फरीदाबाद और पूरे एनसीआर क्षेत्र के लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।

 

Amrita Hospital in Faridabad will provide state-of-the-art healthcare facilities to people in NCR region. https://t.co/JnUnYU3m93

— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2022

कुछ दिन पहले ही देश ने एक नयी ऊर्जा के साथ आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है।

हमारे इस अमृतकाल में देश के सामूहिक प्रयास प्रतिष्ठित हो रहे हैं, देश के सामूहिक विचार जागृत हो रहे हैं: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां, इलाज एक सेवा है, आरोग्य एक दान है।

जहां आरोग्य आध्यात्म, दोनों एक दूसरे से जुड़े हुये हैं।

हमारे यहाँ आयुर्विज्ञान एक वेद है। हमने हमारी मेडिकल साइन्स को भी आयुर्वेद का नाम दिया है: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

हमारे धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की ये व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का PPP मॉडल ही है।

इसे Public-Private Partnership तो कहते ही हैं लेकिन मैं इसे ‘परस्पर प्रयास’ के तौर पर भी देखता हूं: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

आप सभी को ध्यान होगा कि जब भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी, तो कुछ लोगों ने किस तरह का दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी।

इस दुष्प्रचार की वजह से समाज में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी थीं: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

लेकिन जब समाज के धर्मगुरू, अध्यात्मिक गुरू एक साथ आए, उन्होंने लोगों को अफवाहों पर ध्यान ना देने को कहा, तो उसका तुरंत असर हुआ।

भारत को उस तरह की वैक्सीन hesitancy का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा अन्य देशों में देखने को मिला: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच-प्राणों का एक विज़न देश के सामने रखा है।

इन पंच प्राणों में से एक है- गुलामी की मानसिकता का संपूर्ण त्याग।

इसकी इस समय देश में खूब चर्चा भी हो रही है।

इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं, तो हमारे कार्यों की दिशा भी बदल जाती है: PM

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

हरियाणा आज देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जहां घर-घर पाइप से पानी की सुविधा से जुड़ चुका है।

इसी तरह, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में भी हरियाणा के लोगों ने बेहतरीन काम किया है।

फ़िटनेस और खेल जैसे विषय तो हरियाणा के संस्कारों में ही हैं: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2022

Leave A Reply

Your email address will not be published.