प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा आग्रह रहा है कि तकनीक का उपयोग संवेदनशीलता के साथ हो और तकनीक की पहुंच गरीब से गरीब व्यक्ति तक होनी चाहिए:अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के बेंगलुरू में सेफ सिटी प्रोजेक्ट्स की शुरूआत की

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नई दिल्ली, 4मार्च।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के बेंगलुरू में सेफ सिटी प्रोजेक्ट्स की शुरूआत की।

अमित शाह ने बेंगलुरू में मोबाइल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और 112 वाहनों के नए बेड़े को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ही बेंगलुरू सेफ सिटी प्रोजेक्ट की कल्पना की थी और ये प्रोजेक्ट पुलिस को आने वाले समय की चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए टेक्नोलॉजी से सुसज्जित करने का प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सेफ सिटी प्रोजेक्ट के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से पूरे देश की पुलिसिंग को नया आयाम देने का काम कर रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का हमेशा आग्रह रहा है कि तकनीक का उपयोग संवेदनशीलता के साथ हो और तकनीक की पहुंच गरीब से गरीब व्यक्ति तक होनी चाहिए। पुलिस को फिट होने के साथ संवेदनशील होना चाहिए, तभी वो लोगों की सेवा कर सकती है क्योंकि सेवा करने का भाव संवेदनशीलता से आता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन एक होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम कर रहा है और ये इनीशिएटिव आज़ादी की शताब्दी के समय भारत की पुलिस को विश्व की श्रेष्ठ पुलिस फोर्स बनाने में मददगार साबित होगा।

अमित शाह ने कहा कि सेफ सिटी परियोजना 8 शहरों में ट्रायल बेसिस पर लागू की जा रही है और इसके लिए केन्द्र सरकार ने 2840 करोड़ रूपए खर्च करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रथम चरण के लिए 667 करोड़ रूपए खर्च हो चुके हैं, लगभग 4100 निगरानी कैमरे लगा दिए गए हैं और 8 कैमरायुक्त ड्रोन के साथ सबसे आधुनिक कमांड सेंटर बेंगलुरू में बना है। उन्होंने कहा कि मोदी जी का सेफ सिटी प्रोजेक्ट पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट है क्योंकि इसमें उपयोग की गई तकनीक ना सिर्फ बेहतरीन है बल्कि शत प्रतिशत स्वदेशी है। शाह ने बताया कि बेंगलुरू में 30 सुरक्षा द्वीप तैयार किए गए हैं, जो पीड़ित को तुरंत कंट्रोल रूम से जोड़ देंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अर्बन क्षेत्रों में पुलिस के सामने Reach और Speed दोनों की चुनौती होती है, इसीलिए Preventive और Proactive Approach के साथ पुलिसिंग को मज़बूत करना मोदी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने साइबर अपराधों की रियलटाइम रिपोर्टिंग, फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं का राष्ट्रीय नेटवर्क स्थापित करना, हैकाथॉन के माध्यम से चुनौतियों का हल ढूंढना, साइबर हाइजीन सुनिश्चित करना, साइबर जागरूकता को हर युवा तक पहुंचाने का काम किया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार से पहले किसी सरकार ने कभी आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए इतने सारे इनीशिएटिव नहीं लिए और मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की कानून व्यवस्था के क्षेत्र में बहुत कुछ अच्छा हुआ है।

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने एक साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) बनाया है जिसके तहत 7 प्लेटफॉर्म लांच किए गए हैं, जो आपसी समन्वय के साथ काम करते हैं। इस सिस्टम में ई-पुलिस, ई-कोर्ट, ई-प्रिज़न, ई-फॉरेंसिक और ई-प्रॉसीक्यूशन समाहित है। उन्होंने कहा कि ई-फॉरेंसिक एप्लीकेशन देश की 117 फॉरेंसिक लैब में लागू हो गया है, 1300 जेल ई-प्रिज़न के साथ जुड़ चुके हैं और ई-प्रॉसीक्यूशन का ट्रायल देश के 751 ज़िलों में शुरू हो चुका है। इसके अलावा ICJS को मज़बूत करने के लिए डेटा एक्सचेंज, सिंगल पाइंट डेटा एंट्री सिक्योरिटी, ऑनलाइन और पेपरलैस सूचना का आदान प्रदान दूसरे चरण में होगा जिस पर मोदी सरकार 3500 करोड़ रूपए खर्च करेगी। श्री शाह ने कहा कि नफ़ीस नाम से शुरू की गई प्रणाली में देशभर में लिए जाने वाले अपराधियों के फिंगरप्रिंट एनसीआरबी के पास स्टोर हो जाते हैं और इसमें अब तक 1 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड उपलब्ध हैं और इसकी डेटा संग्रह क्षमता 300 करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी, 2022 तक कर्नाटक ने 5829 बार नफ़ीस का उपयोग करके 5300 अपराधियों को पकड़ा है। श्री शाह ने कहा कि 1930 हेल्पलाइन साइबर फ्रॉड के लिए खोली गई है, सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉयटेड चिल्ड्रन का भी बहुत उपयोग हुआ है। इसके अलावा सीएफएसएल, हैदराबाद को राष्ट्र को समर्पित किया जा चुका है, नेश्नल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भी बनाई गई है और ये सब सुविधाएं हाल के 2-3 सालों में शुरू हुई हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कठोरता के साथ पीएफआई पर बैन लगाया है और अब कोई कर्नाटक की शांति में खलल नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास की बात करें तो, 13 हज़ार करोड़ रूपए की लागत से बेंगलुरू मेट्रो 53 किलोमीटर तक बन चुकी है और अगले साल तक ये 100 किलोमीटर हो जाएगी। इसके अलावा बेंगलुरू उपनगरीय रेल के लिए 15 हज़ार 800 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं और इस 40 सालों से लंबित प्रोजेक्ट को मोदी जी ने 40 महीनों में पूरा करने का वादा बेंगलुरू की जनता से किया है।

अमित शाह ने कहा कि देश के 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप में से 40 अकेले बेंगलुरू में हैं, जिनकी कुल संपत्ति एक अरब डॉलर से अधिक है। उन्होंने कहा कि स्पेस सेक्टर में बेंगलुरू की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है और अब स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का काम भी मोदी जी ने किया है। इसके अलावा 2 लाख 72 हज़ार करोड़ के निवेश के साथ एफडीआई आकर्षित करने में कर्नाटक देश में पहले स्थान पर है और मोदी जी ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।

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