विद्युत मंत्री ने भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के बारे में चर्चा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की

0

उन्होंने ऊर्जा संरक्षण और दक्षता के लिए समर्पित राज्य विनिर्दिष्ट एजेंसी की आवश्यकता पर जोर दिया

भारत ने कृषि क्षेत्र में डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का लक्ष्य रखा है ताकि 2024 तक कृषि को डीजल मुक्त किया जा सके
केंद्रीय विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के बारे में चर्चा करने के लिए विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत/ऊर्जा विभागों के अपर-मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की।

श्री आर.के. सिंह ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के विरुद्ध भारत की लड़ाई को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अर्थव्यवस्था के सभी संभावित क्षेत्रों में ऊर्जा पारगमन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के मध्य सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।

इस बैठक का आयोजन देश में कार्बन तीव्रता को कम करने की दिशा में सीओपी26 में प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप किया गया था। इस बैठक का उद्देश्य भारत की जलवायु प्रतिबद्धता को पूरा करने में राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित करना था ताकि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए ऊर्जा बचत लक्ष्य निर्धारित किए जा सकें।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री आर.के. सिंह ने अर्थव्यवस्था के संभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के लिए समर्पित राज्य निर्दिष्ट एजेंसी की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह अनुरोध किया कि राज्यों को निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य योजना विकसित करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ‘हम एक नए और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं, जिसे आधुनिक विद्युत प्रणालियों के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। इस लक्ष्य को अर्जित करने के लिए हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।’

श्री आर.के. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल का उपयोग बंद करने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगा।

बैठक के दौरान विद्युत मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वाणिज्यिक भवनों को ईसीबीएस का और घरेलू भवनों को ईसीओ निवास का अनुपालन करना चाहिए और इन्हें भवन उप-नियम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत की समस्त मांग ऊर्जा भंडारण की मदद से गैर-जीवाश्म ईंधन विधियों से पूरी की जाएगी।

नवंबर 2021 में ग्लासगो में आयोजित सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए भारत के ‘पंचामृत’ की घोषणा की थी। ये पांच अमृत तत्व इस प्रकार हैं:

भारत वर्ष 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।
भारत वर्ष 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करेगा।
भारत अब से वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक बिलियन टन की कमी करेगा।
भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत से कम करेगा।
वर्ष 2070 तक भारत ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य अर्जित कर लेगा।
महानिदेशक ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा राज्य स्तर पर की जाने वाली विभिन्न कार्रवाइयों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए एक प्रजेंटेशन दिया गया।

विद्युत सचिव ने राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना के विकास और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों निर्दिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसे अपनाने और इसके कार्यान्वयन में मदद करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के समर्थन और सहयोग पर जोर दिया।

यह बैठक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श सत्र के साथ संपन्न हुई, जिसमें हाल के वर्षों के दौरान राज्य स्तर पर की गई गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला गया।

बीईई प्रत्येक राज्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य विनिर्दिष्ट कार्य योजना तैयार करने में मदद करेगा।विद्युत मंत्री

Leave A Reply

Your email address will not be published.