राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज आयुष्मान भव: अभियान का करेंगी वर्चुअल शुभारंभ

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नई दिल्ली,13सिंतबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, आज दूरदर्शी स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘आयुष्मान भव:’ अभियान का उद्घाटन करेंगी। देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और समावेशिता को फिर से परिभाषित करने के लिए निर्धारित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से होगा। इस सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उद्घाटन समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल सहित कई संसद सदस्य और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से माननीय राज्यपालों, माननीय मुख्यमंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विभिन्न क्षेत्रों से संबद्ध अधिकारियों को वर्चुअल रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसमें जिला मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों और अपने गांवों में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों से बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि, लाभार्थी और प्रतिभागी भी भाग लेंगे।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘आयुष्मान भव:’ अभियान एक व्यापक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य सेवा पहल है, जिसका उद्देश्य देश के हर गांव और शहर तक पहुंचने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की अधिकतम कवरेज प्रदान करना है। यह अभूतपूर्व पहल आयुष्मान भारत कार्यक्रम की सफलता पर आधारित है और स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तन का प्रतीक है।

यह अभियान, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2023 तक ‘सेवा पखवाड़ा’ के दौरान लागू किया जाएगा, यह पूरे राष्ट्र और पूरे समाज के दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह सरकारी क्षेत्रों, नागरिक समाज संगठनों और समुदायों को एक सामान्य मिशन के तहत एकजुट करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी असमानता के आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों।

आयुष्मान भव: अभियान स्वास्थ्य विभाग, अन्य सरकारी विभागों और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निर्वाचित निकायों के साथ मिलकर ग्राम पंचायतों द्वारा चलाया गया एक सहयोगी प्रयास है। इसका मुख्य उद्देश्य भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए हर गांव और शहर में व्यापक स्वास्थ्य सेवा कवरेज का विस्तार करना है और यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।

इसका उद्देश्य अपने तीन घटकों आयुष्मान – आपके द्वार 3.0, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और हर गांव और पंचायत में आयुष्मान सभाओं में आयुष्मान मेलों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज को अधिकतम करना है:

आयुष्मान आपके द्वार 3.0: इस पहल का उद्देश्य पीएम-जेएवाई योजना के तहत नामांकित शेष पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना कि अधिकाधिक व्यक्तियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच हो।

एचडब्ल्यूसी और सीएचसी में आयुष्मान मेले: आयुष्मान भारत- एचडब्ल्यूसी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयोजित होने वाले इन मेलों से आभा आईडी (स्वास्थ्य आईडी) जारी करने और आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने में सुविधा होगी। वे प्रारंभिक निदान, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, विशेषज्ञों के साथ टेलीकंसल्टेशन और उचित निदान भी प्रदान करेंगे।

आयुष्मान सभाएं: प्रत्येक गांव और पंचायत में ये सभाएं आयुष्मान कार्ड वितरित करने, एबीएचए आईडी बनाने, और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं और रोग की स्थितियों, जैसे गैर-संचारी रोग, तपेदिक (निक्षय मित्र), सिकल सेल रोग, साथ ही रक्तदान और अंग दान अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

आयुष्मान भव: अभियान ‘स्वस्थ गांव’ और ‘स्वस्थ ग्राम पंचायत’ बनाने के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है, जो देश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की नींव रखता है। स्वास्थ्य योजनाओं को सफलतापूर्वक चलाने वाली पंचायतें ‘आयुष्मान ग्राम पंचायत’ या ‘आयुष्मान शहरी वार्ड’ का प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित करेंगी, जो न्यायसंगत स्वास्थ्य देखभाल प्रावधान के लिए उनके समर्पण का प्रतीक है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने आयुष्मान भव: की शुरूआत के लिए चल रही तैयारियों के निरीक्षण के लेने आज राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल संवाद किया।

डॉ. मांडविया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आयुष्मान भव: पहल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से हर साल स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में स्वास्थ्य मेलों का आयोजन करने पर बल दिया और प्रत्येक मेडिकल कॉलेज से ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्वास्थ्य मेलों में जांच किए जाने वाले रोगियों को स्वास्थ्य मेलों में समय पर उपचार मिल सके।

डॉ. मांडविया ने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक है। उन्होंने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि 2 अक्टूबर को सभी गांवों में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। उन्होंने अंग-दान और रक्तदान के महत्व को भी रेखांकित किया। इन्हें हाल ही में आयुष्मान भव: के छठे और सातवें स्तंभ के रूप में जोड़ा गया है।

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