राष्ट्रपति विशाखापत्तनम में नौसेना बेड़े की समीक्षा करेंगे
राष्ट्रपति की बहुप्रतीक्षित नौसेना बेड़े की समीक्षा का कार्यक्रम सोमवार, 21 फरवरी 2022 को विशाखापत्तनम में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं,नौसेना बेड़े की समीक्षा करेंगे जिसमें 60 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां और 55 विमान शामिल हैं। यह बारहवीं बेड़ा समीक्षा (फ्लीट रिव्यू) होगी और इसका विशेष महत्व है कि इसे भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति की नौका स्वदेश निर्मित समुद्री अपतटीय गश्ती पोतआईएनएस सुमित्रा है,जो राष्ट्रपति के बेड़े का नेतृत्व करेगी। इस नौका पर अशोक चिन्ह लगा होगा जिससे इसे पहचाना जाएगा और इसके मस्तूल पर राष्ट्रपति का मानक फहराएगा। सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी के बाद,राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद आईएनएस सुमित्रा जहाज पर सवार होंगे जो विशाखापत्तनम के पास लंगर में खड़े 44 जहाजों के सामने से गुजरेगी। समीक्षा में भारतीय नौसेना के साथ-साथ तटरक्षक बल के जहाजों का संयोजन होगा। एससीआई और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जहाज भी इसमें भाग लेंगे। इस सबसे औपचारिक नौसैनिक समारोह में, राजसी सजावट के साथ तैयार प्रत्येक जहाज वहां से गुजरने पर राष्ट्रपति को सलामी देगा। राष्ट्रपति कई हेलीकॉप्टरों और फिक्स्ड विंग विमानों द्वारा शानदार फ्लाई-पास्ट के प्रदर्शन में भारतीय नौसेना के वायु शाखा की समीक्षा भी करेंगे। समीक्षा के अंतिम चरण में, युद्धपोतों और पनडुब्बियों का एक मोबाइल कॉलम राष्ट्रपति की नौका से आगे निकल जाएगा। इस प्रदर्शन में भारतीय नौसेना के नवीनतम अधिग्रहणों को भी दिखलाया जाएगा। इसके अलावा,समुद्र में परेड,समुद्र में खोज और बचाव प्रदर्शन, हॉक एयरक्राफ्ट द्वारा एरोबेटिक्स और एलीट मरीन कमांडो (एमएआरसीओएस) द्वारा वाटर पैरा जंप सहित कई मनोरंजक वाटरफ्रंट गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
समीक्षा के बाद रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह जे. चौहान की उपस्थिति में माननीय राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष प्रथम दिवस कवर और एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा।
लंगर में जहाजों को दिन में पूरे राजसी अंदाज में विभिन्न नौसैनिक झंडों के साथ औपचारिक रूप से तैयार किया जाएगा। इन्हें 19और 20 फरवरी 2022 को सूर्यास्त से मध्यरात्रि तक रोशन रखा जाएगा, जिसे विशाखापत्तनम के नागरिक समुद्र तट से देख सकते हैं।