प्रो. करंदीकर ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव के रूप में संभाला कार्यभार
नई दिल्ली,4 अक्टूबर। आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने डॉ. राजेश गोखले से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के नए सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।
प्रो. करंदीकर एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जो देश के दूरसंचार क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने किफायती ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए “मितव्ययी 5जी नेटवर्क” की अवधारणा विकसित की और दूरसंचार नीति और विनियमों में योगदान दिया, जो राष्ट्रीय स्तर की दूरसंचार नीतियों में शामिल थे।
इसके अलावा, दूरसंचार पर कई वैश्विक मानकीकरण पहलों में योगदान देने वाले समूह की अगुवाई करते हुए, उन्होंने सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ दूरसंचार के लिए भारत की मानक संस्था, टेलीकॉम स्टैंडर्ड्स डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (टीएसडीएसआई) की स्थापना में एक राष्ट्रीय प्रयास का नेतृत्व किया।
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र, प्रो. करंदीकर ने अपना करियर आईआईटी बॉम्बे से शुरू किया, जहां वे बाद में डीन (संकाय मामले) बने, उसके बाद आईआईटी बॉम्बे रिसर्च पार्क के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख, फर्स्ट प्रोफेसर-इन-चार्ज और आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर सेंटर के प्रमुख बने। इसके बाद आईआईटी कानपुर के निदेशक के रूप में नियुक्ति हुई, जहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई की थी।
उन्होंने अपने समूह के साथ मिलकर 5जी नेटवर्क के हिस्से के रूप में एक एकीकृत नियंत्रण और प्रबंधन संरचना के तहत कई रेडियो एक्सेस टेक्नोलॉजी (आरएटीएस) को एक साथ लाने के लिए एसडीएन आधारित आर्किटेक्चर का आविष्कार किया। उन्होंने एसडीएन, आरएएन वर्चुअलाइजेशन और फ्रुगल 5जी में कुछ नवीन रूपरेखाएं प्रस्तावित कीं। प्रो. करंदीकर ने उनके और उनके समूह द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के लिए कई पेटेंट दाखिल करने के कार्य का भी नेतृत्व किया।