भारत में विदेशी फिल्मों के सह-निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये और शूटिंग के लिए 2.5 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन
श्री ठाकुर ने इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया, आईएफएफआई के 53वें संस्करण के पोस्टर का अनावरण किया
भारतीय सिनेमा मानवीय प्रतिभा, विजय और नए भारत के पथ की गाथा है: श्री ठाकुर
पिछले सात दशकों में सिनेमा हमारी सॉफ्ट पावर के साधन के रूप में उभरा है: श्री ठाकुर
भारतीय सिनेमा ने सॉफ्ट पावर के एक साधन के रूप में भारत को दुनिया के समक्ष बेहतर तरीके से जानने में सहायता की है: श्री जावेद अशरफ, फ्रांस में भारतीय राजदूत
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज कान्स फिल्म मार्केट ‘मार्चे डू फिल्म’ में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया। भारत को विदेशी फिल्म निर्माण के लिए एक पसंदीदा केंद्र बनाने के उद्देश्य से, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज भारत के साथ विदेशी फिल्मों और विदेशी सह-निर्माण की शूटिंग को प्रोत्साहन देने के लिए दो योजनाओं का अनावरण किया। श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोत्साहन योजना जैसी इन दो योजनाओं का उद्देश्य भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग की क्षमता को बढ़ाना है।
प्रोत्साहन के पहलुओं का उल्लेख करते हुए श्री ठाकुर ने बताया कि आधिकारिक सह-निर्माण के लिए, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण कंपनियां भारत में क्वालीफाइंग व्यय पर अधिकतम 2 करोड़ रुपये के अधीन 30 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकती हैं। भारत में शूटिंग करने वाली विदेशी फिल्में अधिकतम 50 लाख रुपए (65,000 अमेरिकी डॉलर) तक पर अतिरिक्त 5 प्रतिशत बोनस का दावा कर सकती हैं क्योंकि भारत में 15 प्रतिशत या अधिक जनशक्ति को नियोजित करने के लिए अतिरिक्त प्रतिपूर्ति दी जाएगी। मंत्री महोदय ने कहा कि ये योजनाएं भारत के साथ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देंगी और विदेशी फिल्म निर्माताओं से निवेश आकर्षित करेंगी और भारत को फिल्मांकन केंद्र के रूप में बढ़ावा देने में सहायता करेंगी। (योजना का विवरण नीचे परिशिष्ट-1 में है)
भारतीय सिनेमा की गहरी सामाजिक पृष्ठभूमि की व्याख्या करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय सिनेमा में रचनात्मकता, उत्कृष्टता और नवाचार सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व के विषयों की संवेदनशीलता के साथ-साथ विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों के मूल्यों, विश्वासों और अनुभवों को प्रतिबिंबित करते हुए, भारतीय सिनेमा ने भी उनकी आशाओं, स्वप्नों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है। भारतीय संस्कृति में निहित होने के बावजूद, भारतीय फिल्म उद्योग एक सार्वभौमिक चरित्र को प्रदर्शित करने में सफल रहा है। मंत्री महोदय ने कहा कि हमारे संरक्षण के दौरान सदियों पुरानी कहानियों को, भारतीय फिल्म निर्माता प्रौद्योगिकी के माध्यम प्रस्तुत करने में अपनी अभिनव कला का उपयोग कर रहे हैं। श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय सिनेमा सिर्फ 6000 वर्ष पुरानी सभ्यता और 1.3 अरब कहानियों की गाथा ही नहीं अपितु दर्शकों के दृष्टिकोण के माध्यम से मानवीय प्रतिभा, विजय और नए भारत के पथ की गाथा भी है।
फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ के एक संवाद की व्याख्या करते हुए श्री ठाकुर ने कहा- “भारत का सिनेमा, दौड़ना चाहता है, उड़ना चाहता है बस, रुकना नहीं चाहता।” श्री ठाकुर ने कहा कि इस सुंदर यात्रा के माध्यम से भारतीय सिनेमा ने वैश्विक फिल्म निर्माताओं को प्रेरित किया है और उनसे प्रेरणा भी ली है और 2020 भारत में कला व फिल्म निर्माण का सबसे अच्छा समय रहा है।
भारतीय सिनेमा एक आदर्श बदलाव के दौर से गुजर रहा है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में, स्ट्रीमिंग क्रांति ने देश में तूफान ला दिया है, और फिल्मों के निर्माण, वितरण एवं इन्हें देखने के मामले में डिजिटल/ओटीटी प्लेटफार्मों की लोकप्रियता बदल चुकी है। वैश्विक और भारतीय सिनेमा के उपभोक्ताओं के पास अब पहले से कहीं अधिक विकल्प हैं।
भारत को एक पसंदीदा फिल्मांकन केंद्र बनाने के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री ठाकुर ने कहा कि हमारे पास एक मजबूत बौद्धिक संपदा शासन है, साथ ही डिजिटल माध्यम अब थिएटर और फिल्मों के प्रचार व प्रसार के अन्य स्थापित तरीकों का पूरक बन चुका है। उपभोक्ता की पसंद को बेहद व्यापक स्तर पर प्राथमिकता दी गई है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रचनात्मक उद्योगों को समर्थन के माध्यम से इसे संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
व्यापक स्तर पर अपनी फिल्मों को पुनः प्रतिष्ठा दिलाने के कार्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के अंतर्गत विश्व की सबसे बड़ी फिल्म पुनः प्रतिष्ठा परियोजना का शुभारंभ किया है और इस अभियान के तहत, अनेक भाषाओं और विधाओं में 2200 फिल्मों को उनका पूर्व गौरव प्रदान किया जाएगा।
इंडिया पवेलियन को बधाई देते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि इंडिया पवेलियन हमारी प्रतिष्ठा का प्रतीक है और आज केवल आपके विश्वास एवं प्रयास से यह कल भारतीय स्वप्नों का पथ प्रदर्शक बनेगा।
श्री अनुराग ठाकुर ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण के आधिकारिक पोस्टर का भी अनावरण किया। (परिशिष्ट-2)
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अभिनेत्री सुश्री तमन्ना भाटिया ने कहा कि भारत ने कई वर्षों तक वैश्विक फिल्म उद्योग में योगदान दिया है और अब स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत के साथ कान फिल्म महोत्सव की भागीदारी वास्तव में प्रतिष्ठित है। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भाव व्यक्त किया कि भारत कई कहानियों का देश है और जमीनी स्तर की ये कहानियां वैश्विक प्रमुखता लिए हैं। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने कहा कि यह एक गर्व का क्षण है कि भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर कान्स में सुर्खियों में रहा, उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा महानता के शिखर पर है और कान्स में यह उपलब्धि केवल एक शुभारंभ है।
श्री शेखर कपूर ने कहा कि भारत कहानियों का देश रहा है और अब भारतीय संस्कृति पश्चिमी सिनेमा के लिए भी एक प्रमुख संस्कृति बन जाएगी। श्री प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म निर्माण को इतना आसान बनाने की जरूरत है कि छोटे शहरों के उभरते फिल्म निर्माता भी अपनी कल्पना को साकार रूप देने के मामले में अपने को सशक्त महसूस करें।
सुश्री पूजा हेगड़े ने जोर देते हुए कहा कि वह ब्रांड इंडिया के तौर पर वहां थीं और यह एक सम्मान की बात है कि भारत का कंट्री ऑफ ऑनर के तौर पर वहां होना इस बात का साक्ष्य है कि भारत सही उपलब्धि की दिशा में बढ़ रहा है। सुश्री वाणी त्रिपाठी ने सिनेमा में भारतीय महिलाओं की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की महिलाओं का आज दुनिया भर में सम्मान किया जा रहा है, जैसा कि दीपिका ने जूरी सदस्य बनकर यह साबित किया है।
फ्रांस में भारत के राजदूत श्री जावेद अशरफ ने कान फिल्म समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़ा। दर्शकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के समक्ष बेहतर तरीके से जानने का मौका दिया है। भारतीय सिनेमा दुनिया में भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
परिशिष्ट-1
भारत में विदेशी फिल्मों के श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण और शूटिंग के लिए प्रोत्साहन योजना की मुख्य विशेषताएं
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत में शूटिंग और विदेशों के साथ आधिकारिक सह-निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्शन हेतु प्रोत्साहन योजनाओं का शुभारंभ करने का निर्णय किया है।
प्रोत्साहन और पात्रता
1. श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत, सभी क्वालीफाइ परियोजनाओं के लिए, भारतीय सह-निर्माता भारत में क्वालीफाइंग व्यय पर 30 प्रतिशत तक की देय नकद प्रतिपूर्ति का दावा कर सकता है, जो अधिकतम 2 करोड़ रुपए (260,000 अमेरिकी डॉलर) के अधीन है। हालांकि, परियोजना के लिए वित्तीय योगदान के अपने हिस्से के अनुसार प्रतिपूर्ति को प्रोड्यूसरों के बीच विभाजित किया जाएगा।
श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण पर भारत के आधिकारिक द्विपक्षीय सह-निर्माण समझौतों में से एक के तहत परियोजना को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भाग लेने वाले देश (देशों) द्वारा “सह-निर्माण” का दर्जा दिया जाना चाहिए। 01 अप्रैल 2022 के बाद जिन परियोजनाओं को आधिकारिक सह-निर्माण का दर्जा दिया गया है, वे प्रोत्साहन के पात्र हैं।
2. भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत, ऊपर दिए गए प्रोत्साहनों के अलावा, अधिकतम 50 लाख रुपए (65,000 अमेरिकी डॉलर) पर अतिरिक्त 5 प्रतिशत बोनस तक का दावा किया जा सकता है, यह अतिरिक्त प्रतिपूर्ति 15 प्रतिशत रोजगार देने अथवा भारत में अधिक जनशक्ति पर प्रदान की जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्शन जिन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा (केवल वृत्तचित्रों के लिए) शूटिंग की अनुमति दी गई है, इस योजना के लाभ के लिए 01 अप्रैल 2022 के बाद प्रोत्साहन के पात्र होंगे।
प्रोत्साहन को अंतरिम और अंतिम दो चरणों यानी वितरित किया जाएगा। भारत में परियोजना पूरी होने के बाद अंतिम संवितरण का दावा किया जा सकता है। प्रोत्साहन एक विशेष प्रोत्साहन मूल्यांकन समिति की सिफारिश पर प्रदान किया जाएगा। (विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही एफएफओ वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे)। किसी भी एक योजना के तहत प्रोत्साहन का दावा किया जा सकता है, दोनों के लिए नहीं।
प्रोत्साहन योजना राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के तत्वावधान में फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी।
परिशिष्ट-2
कान्स 2022 में इंडिया पवेलियन के उद्घाटन का यूट्यूब लिंक