मणिपुर हिंसा और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर राज्यसभा दिन भर के लिए स्थगित

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नई दिल्ली , 4अगस्त। मणिपुर में हिंसा और राजस्‍थान में महिलाओं के खिलाफ अत्‍याचार को लेकर सत्‍ता पक्ष और विपक्षी सदस्‍यों के बीच तीखी नोक-झोंक के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज भी बाधित हुई। मणिपुर को लेकर लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्‍थगित की गई, जबकि राज्‍यसभा की कार्यवाही एक बार बाधित होने के बाद फिर दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई।

सुबह के स्‍थगन के बाद राज्‍यसभा की कार्यवाही 12 बजे जब दोबारा शुरू हुई। सत्‍ता पक्ष के सदस्‍य राजस्‍थान में महिलाओं के खिलाफ अत्‍याचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। सदन में सत्‍ता पक्ष के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्‍थान के मुद्दे पर नियम 176 के तहत तुरंत चर्चा की जानी चाहिए। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग उठायी। सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के सदस्‍यों के बीच तीखी नोक-झोंक के कारण सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी।

सुबह लोकसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और अन्य विपक्षी दल के सदस्यों ने मणिपुर के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए शोर शराबा शुरू कर दिया जिस पर अध्‍यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई और इस दौरान अंतर सेना संगठन- कमान, नियंत्रण और अनुशासन विधेयक-2023 और भारतीय प्रबंधन संस्‍थान- संशोधन विधेयक -2023 अल्‍प चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इसके साथ ही राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक-2023 भी सदन में पेश किया गया। इस बीच विपक्षी सदस्‍य मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर शोर शराबा करते रहे और सदन की कार्यवाही 12 बजकर 50 मिनट तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

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