जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 40,009 करोड़ रुपये जारी किए गए

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वर्ष 2022-23 के लिए जल जीवन मिशन का बजट बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये किया गया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को जेजेएम के शुभारंभ के बाद से अब तक 6 करोड़ से अधिक परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं
चालू वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने और राज्य के हिस्से के साथ उपलब्ध केंद्रीय अनुदान के उपयोग के संदर्भ में किए गए कार्य के आधार पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 40,000 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया है।

केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के बजट को बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे ‘हर घर जल’ कार्यक्रम का महत्व स्पष्ट होता है। पानी सभी विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने से देश भर में दूर-दराज के इलाकों में रहने वाली ग्रामीण आबादी को ‘आसान जीवन यापन’ सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी।

पिछले दो वर्षों में कोविड -19 महामारी और इसके परिणाम स्वरूप लगे लॉकडाउन तथा व्यवधान के बावजूद, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 2.06 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया गया है। वर्तमान में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, गोवा, हरियाणा, पुद्दुचेरी और तेलंगाना ‘हर घर जल’ वाले राज्य / केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। इसके अलावा देश के 106 जिलों और 1.45 लाख गांवों में हर घर में नल के कनेक्शन से पानी की आपूर्ति हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से, अब तक 6 करोड़ से अधिक घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इस प्रकार देश में ग्रामीण परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) से बढ़कर 9.35 करोड़ (48.4 प्रतिशत) से अधिक हो गई है। प्रत्येक ग्रामीण परिवार को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे कार्यों की यह ‘गति और पैमाना’ 2024 तक सभी 6 लाख गांवों को ‘हर घर जल’ सुनिश्चित करने के लिए बनाए रखने की आवश्यकता है।

मिशन हर घर में पीने योग्य पानी की सुनिश्चित आपूर्ति पर केंद्रित है और काम केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरों, राज्य और जिला अधिकारियों तथा स्थानीय समुदाय की क्षमता निर्माण, सक्रिय भागीदारी, नियमित निगरानी और बनाए गए बुनियादी ढांचे की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और कौशल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मिशन की परिकल्पना यह है कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत/ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति एक जनोपयोगी भूमिका निभाएं।

महिलाएं प्राथमिक जल प्रबंधक होने के कारण इस कार्यक्रम के प्रमुख केंद्र में हैं। उन्हें पानी समिति और निगरानी समिति का हिस्सा बनाया गया है और वे जल आपूर्ति प्रणाली की योजना, रख-रखाव, संचालन तथा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। अब तक 4.78 लाख पानी समितियों का गठन किया गया है और 3.91 लाख से अधिक ग्राम कार्य योजनाएं विकसित की गई हैं, जो जल स्रोत को मजबूत करने, मौजूदा नल के पानी के कनेक्शन की रेट्रोफिटिंग, गंदे पानी का प्रबंधन तथा पूरे डिजाइन चक्र के लिए बुनियादी ढांचे के रख-रखाव के अंतर्गत गतिविधियों को शामिल करती हैं।

गाँव की सभी जल व्यवस्थाएँ ग्राम पंचायतों को सौंपी जा रही हैं जो आने वाले समय में संरक्षक बन कर जनता के लिए सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करेंगी। इस प्रकार, जल जीवन मिशन एंड-टू-एंड दृष्टिकोण पर काम करता है जो नल के पानी के कनेक्शन के प्रावधान से शुरू होता है और निर्वाह पर समाप्त होता है।

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