`श्रावण माह पारद शिवलिंग और पारद शिव परिवार स्थापित करने के लाभ

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नई दिल्ली, 14जुलाई। यदि आपको शुद्ध पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है।सोमवार या श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ‘ओम् नमः शिवाय। एवं
ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’
आदि मंत्रों से रूद्राक्ष एक माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रयत्न हैं।। ज्योतिष में  पारद को रसराज भी कहते हैं।  धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का ही रूप ह घर में पारद शिवलिंग एवं परिवार सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस एवं फैक्ट्री में व्यापार बढ़ाने के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है।

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रयत्न हैं। शिवलिंग के विभिन्न रूपों की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिष में पारद शिवलिंग की पूजा बहुत ही लाभदायक मानी गई है। पारद को रसराज भी कहते हैं।
पारा धातु को शोधित करके वैदिक विधि एवं
प्रयोगों से इसका निर्माण किया जाता है। यह स्वयं ही प्राण प्रतिष्ठित होता है। शास्त्रों में कहा गया है ‘ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्यायाः शतानि च। तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।। स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्’। यानी करोड़ों शिवलिंग के पूजन से जो फल प्राप्त होता है उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का ही रूप है, इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है और हर मनोकामना पूरी होती है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस एवं फैक्ट्री में व्यापार बढ़ाने के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं, लेकिन इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिवत की किया जाना चाहिए।
मान्यता है कि जिस घर में प्राण-​प्रतिष्ठित पारद शिवलिंग रहता है, उस घर से जुड़े सारे वास्तु दोश दूर हो जाते हैं. पारद शिवलिंग के शुभ प्रभाव से उस घर के लोगों पर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र, नजर दोष का असर नहीं पड़ता है. यदि कुंडली में पितृदोष हो तो पारद शिवलिंग की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए.
भगवान शंकर को पारा बहुत प्रिय है. मान्यता है कि पारद शिवलिंग का जहां पूजन होता है, वहां भगवान शिव साक्षात् विराजमान रहते हैं. यही कारण है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले भक्त पर शीघ्र ही शिव कृपा बरसती है और उसके जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती है
`पारद शिवलिंग की पूजा से मिलती है लक्ष्मी मां की कृपा:
पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता
है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।
`जीवन में खुशियां लाता है पारद शिवलिंग
जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कमी खत्म नहीं होती और आपकी समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। आर्युवेद के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार है। पारा कोई रोगों में दवा के रूप में काम करता है।

सभी समस्याओं का अंत करता है पारद शिवलिंग
अगर परिवार के किसी सदस्य की तबीयत खराब है तो उनको दवाओं के साथ पारद शिवलिंग की पूजा करवाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा आपके आसपास बनी रहती है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन, परिवार, स्वास्थ्य और आपके जीवन से जुड़ीं छोटी और बड़ी संबंधित समस्याओं का अंत होता है। पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।

कामायाबी के लिए करें पारद शिवलिंग की पूजा
नया साल लाभदायक बनाने के लिए हर रोज पारद शिवलिंग के सीधे हाथ की तरफ दीपक जलाएं और हाथ में जल और फूल लेकर तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और जल और फूल शिवलिंग पर अर्पित कर दें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और आपके हर क्षेत्र में कामयाबी मिलती है। इस शिवलिंग की महत्वपूर्ण बात यह है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने के लिए किसी भी प्रकार की प्राण प्रतिष्ठा करवाने की आवश्यकता नहीं है, यह स्वयं सिद्ध धातु होती है।

नकारात्मक शक्तियों का अंत करता है पारद शिवलिंग
ग्रंथों में बताया गया है कि पारद स्वयं सिद्ध धातु होती है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई पुराणों में मिलता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से यह सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र खत्म कर देता है और आसपास मौजूद बुरी शक्तियों को खत्म कर देती है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं।

ऐसे स्थापित करें पारद शिवलिंग एवं शिव परिवार
स्वयं पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाएं। अपने आसपास जल, गंगाजल, रोली, मोली, चावल, दूध और हल्दी-चन्दन रख लें। सबसे पहले पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जला कर रखें। श्रावण के सोमवार अथवा शिवरात्रि को इनका विशिष्ट पूजन करें।

पारद शिवलिंग पूजन के लाभ
पारद शिवलिंग में भगवान शिव का निवास होता है। जिस घर में पारद का शिवलिंग होता है उस घर में तंत्र-मंत्र आदि का कोई प्रकोप नहीं हो सकता। विद्यार्थियों को मेघा वृद्धि के लिए चंदन का लेप करें। ‘ओम् नमः शिवाय’ का जाप करने से विद्या, बुद्धि और मेघा की वृद्धि होती है। स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए महामृत्युंजय मंत्र से नियमित पूजन करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। घर में प्रसन्नता और शांति के लिए पारद शिवलिंग की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है। विवाह योग्य युवक-युवतियों को पारद शिवलिंग के समक्ष बैठकर विशिष्ट मंत्रों से पूजा करें और वर-वधू प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। इससे शीघ्र मनोकामना पूरी होती
है। व्यवसाय स्थल पर पारद शिवलिंग की स्थापना करने से. व्यवसाय में निरंतर वृद्धि होती है। पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग के स्थापना कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर में धन, वैभव, लक्ष्मी स्वास्थ्य सदैव बने रहते हैं।

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