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11 आमंत्रित देशों सहित जी-20 सदस्य देशों के 130 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
11 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों समेत जी-20 सदस्य देशों के 130 प्रतिनिधि गांधीनगर में जी-20 पर्यावरण और जलवायु निरंतरता कार्यसमूह (ईसीएसडब्लूजी) की दूसरी बैठक में हिस्सा लेंगे। कल से शुरू होने वाली तीन दिवसीय (27-29 मार्च, 2023) बैठक में भूमि क्षरण को रोकने, जैव-विविधता की इको-प्रणालीगत बहाली और समृद्धि में तेजी लाने, संसाधन दक्षता व चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा निरंतर व हर जलवायु में सक्षम सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने जैसे विषयगत मुद्दों पर विचार किया जायेगा। बैठक के दौरान नमामि गंगे, हर तरह की जलवायु में कायम रहने वाली अवसंचरना, भूजल प्रबंधन भागीदारी, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी प्रमुख पहलों पर विशेष प्रस्तुतिकरण भी होगा। केंद्रीय रेल और वस्त्र राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश द्वारा 28 मार्च को बैठक का उद्घाटन किये जाने की संभावना है।
बैठक के भाग के रूप में आयोजित होने वाले भ्रमण के दौरान प्रतिनिधियों को आधुनिकता और परंपरा के मिश्रण का अवलोकन करने का अवसर मिलेगा। अडालज वाव के रूप में भारत के प्राचीन जल प्रबंधन का परिचय दिया जायेगा। यह प्राचीन काल की सीढ़ियों वाली बावड़ी है। इसी तरह, साबरमती जल-नलिका जैसा भारतीय इंजीनियरिंग का कमाल भी दिखाया जायेगा। प्रतिनिधियों को विशेष रूप से तैयार किये गये नृत्य और संगीत प्रदर्शन के जरिये गुजरात की जीवन्त सांस्कृतिक परंपराओं से अवगत होने का भी अवसर मिलेगा। इस दौरान उन्हें स्थानीय पाक-कला का जायका लेने का भी मौका मिलेगा।
सम्मेलन की शुरूआत जल संसाधन प्रबंधन पर एक सहायक कार्यक्रम से होगी, जिसका नेतृत्व जल शक्ति मंत्रालय करेगा। इसमें जी-20 सदस्य देश इस विषय पर उत्कृष्ट व्यवहारों पर प्रस्तुतिकरण देंगे। अंतिम दिन अन्य कई तकनीकी सत्र होंगे तथा मंत्रिस्तरीय विज्ञप्ति के प्रारूप पर चर्चा की जायेगी। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री नीलेश के. साह, जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुबोध यादव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री नमिता प्रसाद और सरदार सरोवर नर्मदा निगम लि. के निदेशक श्री विवेक कपाड़िया ने आज एक प्रेस-वार्ता में यह सूचना दी।
दूसरी ईसीएसडब्लूजी बैठक सतत और हर स्थिति में कायम रहने वाले भविष्य को हासिल करने के लिये जी-20 देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रयासों को आगे बढ़ाने की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सभी हितग्राहियों के साथ काम करने के लिये संकल्पित है, ताकि प्रत्येक प्राथमिक क्षेत्र के तहत नतीजे हासिल किये जा सकें तथा सभी के लिये सतत और हर तरह की स्थिति में कायम रहने वाले भविष्य को हासिल किया जा सके।