श्री पीयूष गोयल ने ओडीओपी उपहार सूची के डिजिटल संस्करण का अनावरण किया

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ओडीओपी उपहार सूची के डिजिटल संस्करण का अनावरण किया। डिजिटल लॉन्च 5 अगस्त 2022 को वाणिज्य भवन में निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के साथ बैठक के दौरान हुआ।

ओडीओपी उपहार सूची में उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सुगंधित पदार्थ और तेल, भारतीय स्प्रिट, घर सजाने के उत्पाद, कपड़े, और रेशम एवं शॉल आदि शामिल है । एचसीआईएम ने उन तरीकों पर प्रकाश डाला जिसमें ओडीओपी उपहार सूची भारत के सभी जिलों की क्षमता को सामने लाने की दिशा में एक कदम के रूप में शामिल है और जो देश के विविध स्वदेशी उत्पादों को दुनिया भर में मान्यता प्रदान करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने इससे जुड़े सभी मंत्रालयों, उद्योग संघों और निर्यात संवर्धन परिषदों से डिजाइन और ब्रांडिंग को प्रोत्साहन देने के लिए सूचि से उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कारोबारियों के द्वारा दिए जाने वाले उपहारों में भारत के इन खजाने को शामिल करने के लिए एक सचेत प्रयास करने की भी सिफारिश की। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देगा और कई किसानों और कारीगरों के भरण पोषण और आजीविका को बढ़ाने में मदद करेगा।

माननीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस सूची से उत्पादों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थानीय उत्पादों की ब्रांड इमेज को बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर वर्ल्ड” के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को गति मिलेगी। उन्होंने सभी संघों से इन उत्पादों में से प्रत्येक पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने का भी अनुरोध किया ताकि इनमें निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सके जिससे ये उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।

 

 

ओडीओपी उपहार सूची पर वीडियो

 

ओडीओपी पृष्ठभूमि:

 

  • ओडीओपी पहल का उद्देश्य देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की माननीय प्रधानमंत्री की सोच को प्राप्त करना है।
  • विचार ये है कि सभी क्षेत्रों में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को सक्षम करने के लिए देश के प्रत्येक जिले (एक जिला – एक उत्पाद) से एक उत्पाद का चयन, उसकी ब्रांडिंग और प्रचार करना है।
  • देश के सभी 761 जिलों से ओडीओपी के तहत चुने गए उत्पादों की श्रंखला कई क्षेत्रों, मंत्रालयों और विभागों तक फैली हुई है।

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