अपने व्यापार की पहली छमाही के दौरान सात में से छह नई रक्षा कंपनियों ने अनन्तिम लाभ दर्ज किया
कंपनियों ने 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया
कंपनियों ने तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक के घरेलू ठेके और 600 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात आर्डर प्राप्त किये
म्यूनीशन्स इंडिया लिमिटेड ने 500 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आयुध निर्यात आर्डर प्राप्त किया
सात में से छह नई रक्षा कंपनियों ने, जिनका लोकार्पण विजयदशमी के दिन 15 अक्टूबर, 2021 को किया गया था, उन कंपनियों ने अपने व्यापार के आरंभिक छह महीनों, यानी एक अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 की अवधि के दौरान अनन्तिम लाभ दर्ज किया है। यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) को छोड़कर, शेष छह कंपनियों – म्यूनीशन्स इंडिया लि. (एमआईएल), आर्मर्ड व्हेकिल्स निगम लि. (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लि. (एडब्लूई इंडिया), ट्रूप कंफर्ट्स लि. (टीसीएल), इंडिया ऑपटेल लि. (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लि. (जीआईएल) ने अनन्तिम लाभ दर्ज किया है। विवरण इस प्रकार हैः
क्रम संख्या
नई रक्षा कंपनी
पिछले तीन वर्षों के दौरान औसतन छमाही लाभ (+)/ हानि (-)
अनन्तिम लाभ (+)/ हानि (-)
(एक अक्टूबर, 2021 – 31 मार्च, 2022)
1
एमआईएल
-677.33
28
2
एवीएनएल
-164.33
33.09
3
आईओएल
-5.67
60.44
4
वाईआईएल
-348.17
-111.49
5
एडब्लूईआईएल
-398.5
4.84
6
जीआईएल
-43.67
13.26
7
टीसीएल
-138.17
26
(करोड़ रुपये में)
राष्ट्र को समर्पित किये जाने के बाद, केंद्र सरकार ने शुरूआत में नई रक्षा कंपनियों की मदद की और उन्हें समर्थन दिया, ताकि वे कार्पोरेट संस्थाओं की तरह अपना व्यापार शुरू कर सकें। पुराने ओएफबी के साथ पूरे न किये जा सकने वाले आर्डरों को दुरुस्त किया गया और उन्हें संविदाओं में बदल दिया गया, जिनकी कीमत 70,776 करोड़ रुपये निर्धारित की गई। वित्तवर्ष 2021-22 के लक्ष्य के मद्देनजर, 7,765 करोड़ रुपये नई रक्षा कंपनियों को दिये गये, ताकि वे व्यापार शुरू करने के पहले 60 प्रतिशत तैयारी कर लें। इसके अलावा पूंजी खर्च और इक्विटी के लिये वर्तमान वित्तवर्ष के दौरान सात नई कंपनियों को 2,765.95 करोड़ रुपये जारी किये गये।
इन नई कार्पोरेट संस्थाओं को कामकाजी और वित्तीय स्वायत्तता दी गई। इसके साथ केंद्र सरकार की मदद भी थी। यह कदम आयुध फैक्टरियों के कामकाज में क्रांति लाने वाला कदम था। पहले छह माह में ही इन नई कंपनियों ने 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया, जो पिछले वित्तवर्ष के दौरान पुराने ओएफबी के मूल्य के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण है।
पहले दिन से ही इन कंपनियों ने नये बाजारों की तलाश और निर्यात सहित अपने व्यापार को बढ़ाना शुरू कर दिया था। अपने चालू होने के बाद के छोटे से समय में ही इन कंपनियों ने घरेलू ठेके और निर्यात आर्डर अर्जित कर लिये, जिनका मूल्य क्रमशः 3,000 करोड़ रुपये और 500 करोड़ रुपये है। एमआईएल ने 500 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आयुध निर्यात आर्डर प्राप्त किया। ये सभी कंपनियां स्वयं और सहयोग के जरिये नये उत्पादों का विकास कर रही हैं। वाईआईएल ने एक्सल बनाने के लिये भारतीय रेल से लगभग 251 करोड़ रुपये का आर्डर प्राप्त किया है।
ये नई संस्थायें अपने संसाधनों और लागत में कटौती के लिये सर्वोत्तम उपाय कर रही हैं। लागत में कटौती पर ध्यान देते हुये इन कंपनियों ने पहले छह माह में ही ओवरटाइम तथा गैर-उत्पादक गतिविधियों में कटौती करके लगभग 9.48 प्रतिशत की बचत कर ली है।
नई कंपनियों के कामकाज की नियमित निगरानी विभाग द्वारा होती है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर समय रहते हस्तक्षेप किया जा सके, ताकि ओएफबी के निगमीकरण के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।
याद रहे कि केंद्र सरकार ने 16 जून, 2021 को एक प्रमुख निर्णय लेते हुये रक्षा विनिर्माण में बड़ा सुधार किया था, जिसके तहत आयुध फैक्ट्री बोर्ड को रक्षा मंत्रालय का अधीनस्थ विभाग बना दिया गया। बोर्ड को केंद्र के स्वामित्व वाली सात कार्पोरेट संस्थाओं में बदल दिया गया था, ताकि जिसका प्रबंधन व्यावसायिक तरीके से हो सके।