आयुर्वेद के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान को समर्थन प्रदान करने हेतु केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) का ‘स्पार्क’ कार्यक्रम
इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में उद्योग जगत के शीर्ष विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन और 50,000 रुपये की सहायता शामिल हैं
देश में आयुर्वेद के एक लाख छात्रों के सशक्त समुदाय के लिए अवसर
केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने मान्यता प्राप्त आयुर्वेद कॉलेजों में अध्ययन कर रहे आयुर्वेद (बीएएमएस) के छात्रों के लिए स्टूडेंटशिप प्रोग्राम फॉर आयुर्वेद रिसर्च केन (स्पार्क) विकसित करके देश के उज्ज्वल युवा प्रतिभाओं के अनुसंधान संबंधी प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक अनूठी पहल की है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक और भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) के अध्यक्ष वैद्य जयंत यशवंत देवपुजारी ने प्रोफेसर संजीव शर्मा, निदेशक–सह- प्रभारी कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर तथा प्रोफेसर आर.एन. आचार्य, महानिदेशक, सीसीआरएएस, डॉ. सुलोचना भट्ट, निदेशक, सीएआरआई, बेंगलुरु, डॉ. एम.एम.राव, निदेशक, सीएआरआई, भुवनेश्वर और केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर के अनुसंधान अधिकारियों की उपस्थिति में 2 सितंबर, 2022 को आयोजित एक कार्यक्रम में इस फेलोशिप योजना और इसके एप्लिकेशन पोर्टल का शुभारंभ किया।
सीसीआरएएस के प्रयासों की सराहना करते हुए, विशेष सचिव ने कहा, “सीसीआरएएस ने हाल के दिनों में, विशेष रूप से कोविड-महामारी के दौरान कई सराहनीय पहल की है। परिषद ने न सिर्फ आयुष-64 जैसे लोकप्रिय फॉर्मूलेशन विकसित किए हैं, बल्कि इसे 18 फॉर्मूलेशन और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने का श्रेय भी जाता है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि परिषद द्वारा विकसित स्पार्क कार्यक्रम युवा छात्रों के नवीन विचारों को सहायता प्रदान करेगा और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देगा।”
सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने कहा, “आयुष मंत्रालय के मार्गदर्शन एवं सहयोग से सीसीआरएएस ने नागरिकों की सेवा के लिए कई तरह की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को विकसित व कार्यान्वित किया है।” स्पार्क सहित सीसीआरएएस की हालिया पहलों के बारे में विस्तार से बताते हुए, महानिदेशक ने कहा, “देश के भीतर और बाहर आईआईटी, आईसीएमआर, आईसीएआर, जेएनयू, बीएचयू, एम्स तथा और अन्य विश्वविद्यालयों जैसे प्रमुख शैक्षणिक अनुसंधान संस्थानों के साथ सार्थक सहयोग विकसित करके परिषद ने आयुर्वेद और संबद्ध विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान की गतिविधियों में तेजी लाई है।” प्रोफेसर आचार्य ने कहा, “स्पार्क कार्यक्रम मुख्य रूप से छात्रों में अनुसंधान संबंधी कौशल विकसित करने में मदद करने और उनके शोध के विचारों को आगे सहयोग एवं प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है।”
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में बोलते हुए, महानिदेशक ने बताया कि परिषद वर्तमान में रोमानिया, जर्मनी, इज़राइल, अमेरिका, कनाडा और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख शोध संस्थानों के सहयोग से विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर काम कर रही है। प्रोफेसर आचार्य ने यह भी कहा, “दुनिया भर में आयुर्वेद शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों में पूरक बनने के उद्देश्य से, परिषद ने दुनिया भर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी की है और 11 देशों में आयुर्वेद पीठ की स्थापना की है।
स्पार्क कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए सीसीआरएएस के सहायक निदेशक (आयुर्वेद) डॉ. आदर्श कुमार ने बताया कि ‘स्पार्क’ का उद्देश्य देश भर के आयुर्वेद कॉलेजों में नामांकित युवा स्नातक छात्रों के शोध संबंधी विचारों का समर्थन करना है। स्पार्क के लिए आवेदन प्रक्रिया www.spark.ccras.nic.in पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।
डॉ. आदर्श ने कहा, “इच्छुक उम्मीदवारों को स्पार्क पोर्टल के माध्यम से अपना शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। प्रख्यात विशेषज्ञों एवं समीक्षकों द्वारा इन प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस फेलोशिप के तहत चयनित शोधार्थी को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की जाएगी। शुरू में प्रत्येक सत्र में कुल 100 सीटें होंगी और विस्तृत विवरण इस कार्यक्रम के पोर्टल पर देखे जा सकते हैं।
आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक और एनसीआईएसएम के अध्यक्ष श्री जयंत देवपुजारी स्पार्क कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए
एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी और सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए